कांगड़ा: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद पहली बार मुख्यमंत्री पद पर किसी जिले के लिए दावा ठोका है। कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री जीएस बाली ने कहा है कि 50 साल बाद मुख्यमंत्री का चेहरा जिला कांगड़ा से होना चाहिए। जीएस बाली के इस बयान के बाद सूबे की सियासत गरमा गई है। गुरुवार को मीडिया के सवाल में बाली ने कहा कि जिला कांगड़ा का मुख्यमंत्री की सीट पर पूरा अधिकार है।
इसे कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता। सूबे की सियासत की गाड़ी यहीं से निकलती है, तभी वह शिमला पहुंचती है। अब समय की भी यही पुकार है। वीरभद्र के बाद अब हिमाचल में कांग्रेस का नेता कौन होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जिसके लिए पार्टी और लोग मानेंगे, वही नेता होगा। दावा करने से कुछ नहीं होगा। नेता जनता और पार्टी हाईकमान बनाएगी। गुटबाजी के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। अगर गुटबाजी होगी भी तो एक डिनर में खत्म हो जाएगी।
बाली ने प्रदेश सरकार के मिशन रिपीट को मिशन डिफीट करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार परिवहन निगम को बंद करवाने पर तुली है। किराया इतना बढ़ा दिया है कि कोई भी बसों में नहीं बैठना चाहता। एयरपोर्ट का विस्तार आज तक नहीं हो पाया है। केंद्रीय विश्वविद्यालय में हो रही नियुक्तियां शक के घेरे में हैं।