प्रो.हरींद्र कुमार चौधरी तैंतीस वर्षों की सेवा के बाद बतौर कृषि वैज्ञानिक सेवानिवृत्त, अंतिम दिन विद्यार्थियों को पढ़ाया और विशेषज्ञों को समझाया

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RAJESH SURYAVANSHI
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तैंतीस वर्षों की सेवा के बाद बतौर कृषि वैज्ञानिक सेवानिवृत्ति

अंतिम दिन विद्यार्थियों को पढ़ाया और विशेषज्ञों को समझाया

पालमपुर

चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में करीबन तैंतीस वर्षो की सेवा के बाद प्रो.हरींद्र कुमार चौधरी प्राध्यापक के पद से सेवानिवृत्त हो गए। हालांकि अभी बतौर कुलपति प्रो. चौधरी के पास अगस्त 2023 तक का कार्यकाल है। गुरूवार को प्रो.चौधरी जहां विद्यार्थियों और साथी शिक्षकों के साथ भावुक हो उठे वहीं अपने तीन दशक से अधिक लंबे सेवाकाल को लेकर लंबी चर्चा की।

पौध प्रजनन एवम अनुवंशिकी में सुबह ही पौने दस बजे पहुंच कर जहां स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों को प्रो. चौधरी ने पढ़ाया वहीं स्नातक कक्षा के विद्यार्थियों की ली जा रहीं कक्षा परीक्षा को भी देखते हुए उनसे पूछताछ की।

श्रीलंका से पीएचडी करने आए छात्र कोटवा आरच्छिगे जीवन धनंजेय ने अपनी थीसिस को प्रो. हरींद्र कुमार चौधरी को सौंपा। पीएचडी छात्र शुभम ने भगवद् गीता पुस्तक प्रो. चौधरी को भेंट की।

विभागाध्यक्ष डा.वी.के सूद, वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.डेजी बंसदराय समेत विशेषज्ञ और विद्यार्थी इस दौरान मौजूद रहे।

उल्लेखनीय है कि प्रो. हरींद्र कुमार चौधरी ने वर्ष 1989 में सहायक प्राध्यापक के तौर पर अपनी सेवाओं को चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में आरंभ किया था।

इंग्लैंड और जापान में अत्याधुनिक उपकरणों की कार्यप्रणाली में पारंगत होने के बाद प्रो. चौधरी ने कृषि विश्वविद्यालय में भी वैसे ही उपकरणों से परिपूर्ण लैब मोलीक्यूलर साइटोजेनेटिक्स एंड टिश्यू कल्चर लैब को तैयार किया जो आज देश में अग्रणी है।

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