हरियाणा सरकार का लोक लुभावन और वोट भावन निर्णय

हरियाणा के लोगों के लिए 75% का आरक्षण किया जाएगा

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हरियाणा सरकार का लोक  लुभावन और वोट  भावन निर्णय

INDIA REPORTER NEWS
PALAMPUR : B.K SOOD

अभी हाल ही में हरियाणा सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया कि प्राइवेट नौकरियों में भी केवल हरियाणा के लोगों के लिए 75% का आरक्षण किया जाएगा। सरकार का यह निर्णय खट्टर सरकार के लिहाज से लोकलुभावन हो सकता है परंतु इसके दूरगामी परिणाम क्या होंगे यह खट्टर साहब ने सोचा नहीं होगा। अगर वोट की राजनीति के चलते हर राज्य इसी तरह के निर्णय लेने लगे तो आप सोचिए की हमारे भारत अखंड भारत देश के राज्य के रूप में नही बल्कि अलग-अलग देशों की भांति कार्य करेंगे ।

कोई भी राज्य अगर हरियाणा सरकार की राह पर चलता है तो सभी अपने ही प्रदेश के लोगों को रोजगार देंगे, और दूसरे प्रदेशों के लोगों को रोजगार नहीं देंगे तो सोचिए स्थिति कितनी भयावह हो जाएगी। न तो सभी राज्य इतने साधन संपन्न है कि वह अपने प्रदेश के सभी बेरोजगार युवाओं को समाहित कर सकें ,और  कुछ राज्यों के पास जनशक्ति इतनी ज्यादा है

परंतु उनके यहां संसाधन और नौकरियां कम है और उनके राज्य के युवाओं को दूसरे राज्यों में जाकर ही अपनी रोजी-रोटी कमानी होती है  उनके पास इतने संसाधन नहीं कि वह उन्हें अपने ही राज्य में समाहित  कर सकें  युवाओं को दूसरे राज्यों में देश के दूसरे भागों में रोजगार के लिए जाना ही पड़ेगा। परंतु इस तरह के वोट बैंक की राजनीति के चलते यह देश के युवाओं के साथ ही खिलवाड़ नहीं है करेंगे, बल्कि इसके दूरगामी परिणाम बहुत ही खतरनाक साबित हो सकते हैं।

आशंका जताई जा सकती है कि इस तरह के निर्णय अगर सभी राज्य सरकारें ले तो यह देश के लिए यह एक घातक कदम सिद्ध  होगा ।
प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को प्रदेश हितों के साथ साथ देश के हित का भी ध्यान रखना चाहिए ,और बेरोजगारी को राज्यों की सीमा में ना बांधकर सभी को समान अवसर प्रदान करने चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह उम्मीद की जाती है कि वह इस निर्णय पर अवश्य अपना विचार प्रस्तुत करेंगे।

इस तरह की घोषणाएं करके या इस तरह के नियम लागू करके आप चुनाव तो जीत सकते हैं परंतु देश को हार सकते हैं यह बात सभी को अपने दिमाग में रखनी चाहिए  इससे निजी क्षेत्र के कार्य कुशलता  कम तो होगी ही साथ ही निजी क्षेत्र के संस्थान घाटे में जाकर सरकारी  विभागों की तरह ही कार्य करने लगेंगे परिणाम स्वरूप उद्योग धंधे और  व्यापार घाटे में जाएंगे उन पर तालाबंदी की तलवार लटक जाएगी नौकरियां कम होगी

और बेरोजगारी बढ़ेगी जिससे जीडीपी गिरेगी देश में बेरोजगारी बढ़ेगी अराजकता फैल जाएगी सोचिए कर्नाटक और महाराष्ट्र की सरकारें ऐसा निर्णय लें तो  बेंगलुरु और पुणे के आई टी कंपनियां केवल कर्नाटक और महाराष्ट्र के लोगों  को ही अपने अपने राज्य में रोजगार देंगी तो फिर हिमाचल पंजाब उत्तर प्रदेश बिहार के युवा कहां पर नौकरी करेंगे?

बहुत ही अटपटा और अजीब सा निर्णय लिया है हरियाणा सरकार का जिसके दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं निकलने वाले। सरकार को ऐसे निर्णय नहीं लेने चाहिए जिससे आंदोलन खड़े हों और लोगों को परेशानी हो।

1 Comment
  1. bk sood says

    Very nice

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