“हार्ट अटैक”
चलते-फिरते आदमी की अचानक मौत क्यों हो रही है?
आजकल अचानक चलते फिरते लोगों की मौत की खबर सुनने को मिल रही है।
ये बहुत चिंताजनक और डराने वाली बात है। हंसता खेलता इंसान अचानक मर जाता है।
कार्डियेक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर होता है।
-अचानक हार्ट काम करना बंद कर देता है तो उसे कार्डियेक अरेस्ट करते हैं।
-कार्डियेक अरेस्ट बिना चेतावनी और अचानक होता है।
-कार्डियेक अरेस्ट हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में खराबी से आता है.
-पूरा शरीर एक झटके में काम करना बंद कर देता है।
-कार्डियेक अरेस्ट आने पर 1 मिनट के अंदर मौत हो सकती है।
-दिल की धमनियों के ब्लॉक होने से ब्लड सप्लाई पर असर पड़ता है।
-यानी दिल के किसी हिस्से तक ब्लड सप्लाई रुक जाती है.
-ब्लड सप्लाई कम होने से हार्ट के फंक्शन पर धीरे धीरे असर पड़ता है।
-दिल तक ब्लड फ्लो में दिक्कत से हार्ट अटैक आता है।
कार्डियेक अरेस्ट कैसे आता है,ये समझना जरूरी है क्योंकि जानकारी ही बचाव है।
-दिल के अंदर एक इलेक्ट्रिकल सिस्टम होता है.
-इलेक्ट्रिकल सिस्टम हार्ट और दिमाग से कनेक्ट रहता है
-इसी सिस्टम से दिल को तरंगों के जरिए संकेत मिलते रहते हैं
-इन्ही संकेतों के आधार पर दिल काम करता है
-ये इलेक्ट्रिक तरंगे दिल की धड़कन को मॉनिटर करती है
-दिल की इलेक्ट्रिक एक्टिविटी मापने के लिए ही ECG टेस्ट किया जाता है।
-इलेक्ट्रिक तरंगों में गड़बड़ी के कारण कार्डियेक अरेस्ट आता है
-इलेक्ट्रिक सिस्टम में कई एक्टिविटी एक साथ होने पर दिक्कत होती है
-जिसके कारण हार्ट खून को पंप करना बंद कर देता है
-हार्ट बीट बहुत ज्यादा बढ़ जाती है, जिसके कारण दिल काम करना बंद कर देता है
दिल के इलेक्ट्रिक सिस्टम में एक तरह का शॉर्ट सर्किट होता है जिसके कारण कार्डियेक अरेस्ट आता है।
कार्डियेक अरेस्ट आने पर दिल की धड़कनें बहुत तेज हो जाती हैं। इस अनियमित हार्ट बीट को मेडिकल लैंग्वेज में Arrhythmia एरिथमिया कहते हैं। एरिथमिया में खून पंप करने वाले चैंबर में कंपन होती है, जिस से दिल की धड़कनें अनियमित हो जाती हैं। इसे हार्ट के फंक्शन से समझते हैं।
हमारे हार्ट में 4 चैंबर होते हैं, ऊपर के दो चैंबर्स को Atria कहते हैं और नीचे के दोनों चैंबर्स को Ventricles कहते हैं। चारों चैंबर्स के बीच दीवार होती है। इन्ही चैंबर्स के जरिए ब्लड पंप होता है और ब्लड पंप करने के लिए Heart में 4 वॉल्व होते हैं। वॉल्व के जरिए ही खून चैंबर में जाता है। एरिथमिया में दिल के नीचे वाले चैंबर अपना काम छोड़कर तेजी से कांपने लगते हैं। जिसके कारण दिल की धड़कनें अचानक बहुत तेज हो जाती हैं. और उसके बाद अचानक बहुत कम हो जाती हैं। और धीरे धीरे बंद हो जाती हैं। जैसा ECG टेस्ट में दिखता है।
भारत में हार्ट अटैक का खतरा कितना बड़ा है।
-भारत में 50% हार्ट अटैक 50 साल से कम उम्र के लोगों को आता है।
-25% हार्ट अटैक के मामलों में मरीज की उम्र 40 साल से कम होती है
-26 से 40 एज ग्रुप के 53% लोग हार्ट अटैक के हाई रिस्क जोन में हैं
-कार्डियेक अरेस्ट के कारण 10 में से 9 लोगों को अस्पताल तक पहुंचने का समय नहीं मिल पाता है।
हर गुजरते साल के साथ कार्डियेक अरेस्ट से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। जो खतरनाक ट्रेंड है।
Cardiac Arrest आने का कारण है
-हाइपरटेंशन
-सुस्त लाइफस्टाइल
-डायबिटीज़
-एल्कोहल और स्मोकिंग !
अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें,
समय समय पर स्वास्थ्य जाँच करवाते रहें!
शरीर में होने वाले बदलाव और लक्षण नजर अंदाज़ न करे
Dr Mukul Bhatnagar
Professor and Head Cardiology DRPGMC Tanda Kangra HP