Rotary Eye Hospital Maranda की नहीं कोई रीस, बाकी अस्पतालों में Him Care बना शोपीस

प्रदेश की जनता परेशान, पैसा खर्च के भी रह गई ठगी सी

0

MMS Rotary Eye Hospital Maranda-Palampur की नहीं कोई रीस,

बाकी अस्पतालों में Him Care बना शोपीस

RAJESH SURYAVANSHI,
EDITOR-in-CHIEF, HR MEDIA GROUP

सरकार ने आम जनता को स्वास्थ्य लाभ देंने हेतु एक अनुपम योजना प्रदेशवासियों को समर्पित की थी। कुछ अस्पतालों ने इसे शुरू में उत्साह से चलाया भी। लोगों को काफी फायदा मिला।

धीरे-धीरे यह योजना अपना महत्व खोने लगी। आपको बता दें कि अधिकतर अस्पतालों ने मरीजों का उपचार करने में आनाकानी शुरू कर दी है। अगर यह कहें कि इस समय सरकार के साथ empanelled अस्पताल मात्र शोपीस बन कर वह गए हैं तो तनिक भी अतिशयोक्ति नहीं होगी।

जनता इस कदर परेशान हो चुकी है कि इस बदइंतज़ामी का ठीकरा सरकार के सिर फोड़ती नज़र आ रही है जिसका खामियाजा भाजपा को अगले चुनाव में देखना पड़ सकता है।

उल्लेखनीय है कि जयराम सरकार की नीयत एकदम साफ़ है और लोगों को सरकार भरपूर सहयोग दे रही है। लेकिन अस्पतालों के लालचीपन इस हद तक जा पहुंचा है कि कोई न कोई बहाना लगा कर जनता को हिम केअर सुविधा नहीं दे रहे।

जो इलाज का पैसा सरकार हिम केअर के तहत अस्पतालों को दे रही है , अस्पतालों के मालिक उससे 10-15 हज़ार अलग से कैश में वसूल कर रहे हैं जोकि सरकार द्वारा allowed नहीं है। दो नंबर का धंधा सरेआम चल रहा है। अस्पताल मालिक दोनों हाथों से लूट रहे हैं। जनता लुट रही है। सरकार तनाशा देख रही है।

पूरे हिमाचल के empanelled प्राइवेट अस्पतालों के यही हाल है।

बताते चलें कि आज अगर कोई प्राइवेट अस्पताल जनता की सच्ची सेवा कर रहा है तो वह है रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा।

जब HR Media Group ने मौके पर जाकर जांच की तो पाया कि आम रश के वावजूद लोग जम कर हिम केअर सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। बेहतरीन उपचार करवा कर सरकार व रोटरी आई अस्पताल का धन्यवाद करते हुए घर वापिस लौट रहे हैं।

विभाग द्वारा बिल देरी से पास करने और सरकार से मिलने वाले मामूली से पैसे में भी चेहरे पर बिना शिकन लाये खुशी-खुशी यह अस्पताल लोगों की तहेदिल से सेवा करने में तल्लीन है।

ऐसा हम इसलिए कह पा रहे हैं कि हमने मौके पर जाकर सारा माजरा देखा है।

HR Media Group ने एक शिकायत की सच्चाई जानने हेतु पालमपुर के पुराने, प्रतिष्ठित निजी अस्पताल में पाया कि हिम केअर योजना की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। एक्स्ट्रा पैसा वसूला जा रहा है और न देने पर बहाना लगाया जा रहा है कि पत्थरी के आपरेशन करने वाली लेप्रोस्कोपिक मशीन खराब है तथा नवंबर या दिसंबर तक ठीक होगी। लोग भारी परेशान हो कर सब कुछ लुटा कर वापिस लौटने पर मजबूर हो रहे हैं। हर जगह यही हाल है। चाहे कांगड़ा हो, धर्मशाला हो, गग्गल हो, मंडी हो, शिमला हो त कोउ अन्य ज़िला, हर जगह अस्पताल मनमानी कर रहे हैं।

काश सभी जनता की सेवा को प्राथमिकता देते हुए अगर रोटरी आई अस्पताल मारंडा से शिक्षा और प्रेरणा लें तो यह योजना स्वर्णिम योजना बन जाए और सरकार की भी बल्ले-बल्ले हो जाये। रोटरी आई हॉस्पिटल जैसे अस्पतालों की कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए सम्मानित किया जाए ताकि सभी प्रेरित हो सकें।

आशा है मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस समाचार का गहनता से संज्ञान लेते हुए जनता के दुख-दर्द को समझेंगे क्योंकि वे भी साल का इकट्ठा पैसा हिम केअर की सुविधा के एवज में भर रहे हैं। सरकार दोषी अस्पतालों की छापेमारी करके दोषी अस्पतालों के खिलाफ कठोर एक्शन ले तथा उनकी सदस्यता को तत्काल प्रभाव से रद्द कर।

साथ ही जो अस्पताल निःस्वार्थ सेवा दे रहे हैं उन्हें सम्मानित करे।

Leave A Reply

Your email address will not be published.