राजस्थान की तर्ज पर हिमाचल सरकार भी बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाल करने की अधिसूचना जारी करे वरन परिणाम हो सकते हैं घातक
राजस्थान की तर्ज पर हिमाचल सरकार भी बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाल करने की अधिसूचना जारी करे।
पेंशन बहाली सयुंक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश प्रदेशाध्यक्ष प्रवीण शर्मा व राज्य प्रवक्ता रविन्द्र शर्मा मल्लू ने राजस्थान की तर्ज पर हिमाचल में भी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की ।
कहा कि राजस्थान की पेंशन बहाल हुई जिसका श्रेय हमारे सहयोगी संगठन को जाता है ।
राजस्थान में कर्मचारियों की पेंशन बहाल करने में वहां के मुख्यमंत्री ने बहुत अच्छा तर्क देते हुए कहा कि हम जानते है कि प्रदेश के कर्मचारी अपने भविष्य के प्रति चिंतित हैं और अगर कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित नही है तो वे सेवाकाल के दौरान प्रदेश के लिए अपना अमूल्य योगदान नही दे सकते ।
मोर्चा ने कहा कि राजस्थान में पेंशन का पुनः बहाल होना समानता के अधिकार की जीत है । हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भी कर्मचारियों के प्रति सकारात्मक सोच रखते हैं और समझते है कि 30 -35 साल अपनी सेवाएं देने वाले कर्मचारियों का बुढ़ापा सुरक्षित हो ।
मोर्चा आंदोलन के खिलाफ है क्योंकि आंदोलनों से देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ता है और आर्थिक क्षति होती है । परन्तु रिटायर कर्मी का पेंशन भी एक अधिकार है जिसे हिमाचल प्रदेश में बिना सोचे समझे ही खत्म किया गया था जिसके बुरे परिणामो से वर्तमान सरकार भी भलीभांति परिचित है ।
जब सरकारें बात को उचित मानते हुए भी न माने तो आंदोलन होने स्वाभिक हैं और पुरानी पेंशन हर रिटायर कर्मी को मिले यही उचित निर्णय होगा । और कर्मी सरकार द्वारा दिये कार्य को ईमानदारी व कर्तव्य निष्ठा से करेंगे ।
हिमाचल प्रदेश के पेंशन से बंचित कर्मी मुख्यमंत्री से उस अधिकार की बात करते है जिसे विधानसभा में बैठने वाले लोग भी लेते हैं ।
इस अवसर पर राज्य महामंत्री एल डी चौहान , उपाध्यक्ष पवना राणा , वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर शर्मा , महिला विंग अध्यक्ष रीता शर्मा , महासचिव उपासना वालिया , महासचिव रजिंदर स्वदेशी , उपाध्यक्ष सुरेंदर पटियाल , जिला कांगड़ा महासचिव विजेन्दर सिंह , वित्त सचिव अनूप वालिया , कांगड़ा महिला विंग प्रधान कमला देवी व अन्य ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि राजस्थान की तर्ज पर हिमाचल में भी इसी बजट सत्र में कर्मचारियों की पेंशन पुनः बहाल की जाए ताकि कर्मचारियों में भेदभाव खत्म हो सके और वे ईमानदारी व कर्तव्य निष्ठा से देश हित में कार्य करें ।