पाँच साल भाजपा की सरकार* – *हिमाचल का है ख़ास्ता हाल
कांग्रेस पार्टी के सोशल मीडिया विभाग की अध्यक्षा एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने आज एक विशेष पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही कि भाजपा सरकार ने पिछले पाँच साल में हिमाचल की दुर्दशा कर दी है। आज भाजपा अपनें काम पर नहीं अपनी सिम्बल पर वोट माँगती है। कांग्रेस जुमलों पर नहीं काम पर विश्वास करती है। हमारा घोषणा पत्र इस बात का प्रतिबिंब है। हमारे दस मुख्य बिंदु लगभग हिमाचल के सारे सेक्टर को कवर करता है चाहे हो वे युवा हों या बुजुर्ग या फिर महिलायें या फिर किसान।
भाजपा का नया घोषणापत्र आठ लाख नौकरी की बात करता है लेकिन 63000 रिक्त पदों को नहीं भरा। ये खुद स्कूटी और सायकिल बाँटी तो वे रेवड़ियाँ नहीं है पर हम कुछ करे तो वे रेवड़ियाँ हैं। वे अपने शासित राज्यों में कुछ भी करे माफ़ है पर हम ना करें। युवाओं को दिवास्वप्न दिखने वाले ने सिर्फ़ युवाओं को भटकाने का काम किया है।
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ये दोहरे मापदंड अपनाते हैं ,अपने रिपोर्ट कार्ड पर नहीं बस धर्म और जाती के नाम पर ही वोट माँगेंगे नहीं। क्योंकि इन्होंने कुछ किया ही नहीं तो बतायेंगे क्या? 2017 में इन्होंने माफिया कि बात कर रहे थे लेकिन इनके राज में नये नये माफिया आ गये- खनन माफिया, शराब माफिया, भर्ती माफिया आदि। महिलाओं की सुरक्षा के नाम पर दो साल की बच्ची का रेप होता है। गुड़िया हेल्प लाइन आज हेल्प लेश लाइन बन चुकी है। ना ये ओल्ड आज पेंशन की स्कीम पर बात करते हैं और ना ही पूर्व सैनिकों। आज पूरे भारत में प्रति लाख सेना में हिमाचल का प्रतिशत ज़्यादा है। पर ये अग्निवीर लेकर आते हैं।
उन्होंने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि:
भाजपा ने 2017 में जारी किए गए घोषणापत्र में कई वादे किए गए थे जो आज तक पूरे नहीं किए गए.भाजपा ने पिछले आठ सालों में देश के साथ साथ हिमाचल की जनता को भी ठगा है..
हिमाचल को ऋण संकट से उबारने में विफल रही सरकार- भाजपा ने अपने दृष्टिपत्र में हिमाचल को ऋण संकट से बचाने और राजस्व घाटा खत्म करने के लिए सक्रिय योजना बनाने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वित्त समिति गठित करने का वादा किया था. हिमाचल सरकार ने 2012 से 2017 तक 19,200 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था,जबकि जयराम सरकार ने अपने कार्यकाल में 19,498 करोड़ का कर्ज लिया.स्थति बद से बदतर हुई. संसाधन बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाए।
अन्नदाताओं/ किसानो की आय दोगुनी करने की बात छोड़िये,सब्सिडी भी बंद कर दिया – भाजपा ने अपने घोषणापत्र में किसानों-बागवानों के लिए कई घोषणाएं की थीं. इनमें एक बड़ा वादा किसानों की आय दोगुनी करने का था. किसानों की आय दोगुनी तो नहीं हुई. उलटे किसानों को दवाईयों और खादों पर मिलने वाली सब्सिडी भी बंद कर दी. कृषि भूमि के अधिग्रहण पर किसानों को मुआवजा दो गुणा से बढ़ाकर चार गुणा करने की बात भी इसी घोषणापत्र में की गई थी, लेकिन किसानों द्वारा आंदोलन करने पर भी चार गुणा मुआवजा नहीं मिल रहा. सरकार हिमाचल में मुआवजे के लिए फैक्टर-वन ही लागू कर रही है, जिसके तहत अधिग्रहित जमीन के लिए दो गुणा मुआवजा देने का ही प्रावधान है. बागवानी पर विशेष ध्यान देने के लिए बागवानी विश्वविद्यालय स्थापित करने और कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा पर कोई अमल नहीं हुआ. केंद्र सरकार की मदद से एप्पल बेल्ट में पांच सीए स्टोर स्थापित करने का वादा किया गया था, मगर शिमला जिले के पराला में एक मात्र सीए स्टोर लगाने का काम भी अभी शुरू नहीं हो पाया है.
पर्यटन स्थल विकसित नहीं हुए- हिमाचल को स्विट्जरलैंड की तर्ज पर स्वास्थ्य पर्यटन का वैश्विक केंद्र
बनाने के लिए आवश्यक आधार भूत ढांचा के लिए पर्याप्त कोष का सृजन करने की बात भी इसी पत्र में कही
गई थी, मगर इस दिशा में भी कोई काम नहीं हुआ. मंडी के सराज को छोड़कर बाकी कहीं भी ग्रामीण इलाकों
में पर्यटन स्थल विकसित नहीं हुए. पर्यटकों के लिए हेली टैक्सी सेवा शुरू करने का वादा भी
इसमें किया गया था, हिमाचल की जनता से किया यह वादा भी जुमला निकला।
हिमाचल में एयर कनेक्टिविटी मजबूत करने की घोषणा भी अधूरी रही – भाजपा ने अपने दृष्टिपत्र में प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी मजबूत की घोषणा की थी. मगर शिमला एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने के साथ गग्गल और भुंतर एयरपोर्ट का विस्तार करने का वादा भी पूरा नहीं हुआ. इसी तरह आपातकालीन स्थितियों के लिए हेली-एम्बुलेंस की सेवा भी शुरू नहीं हो पाई. हिमाचल को केंद्र सरकार की उड़ान योजना में शामिल किया गया था, लेकिन करीब ढाई साल तक शिमला के एयरपोर्ट के लिए उड़ाने बंद रहीं. बमुश्किल अब जाकर यहां से उड़ाने शुरू की गई हैं.
हिमाचल में पांच सालों में एक भी नेशनल हाईवे नहीं बन पाया है – भाजपा ने 63 एनच की डीपीआर तुरंत तैयार कर इन पर काम करने की भी बात कही थी, लेकिन पांच सालों में एक भी एनएच पर काम नहीं हुआ. इसी तरह से हर गांव को सड़क से जोड़ने को लेकर वादा किया गया था, मगर आज भी काफी संख्या में ऐसे गांव हैं जहां, लोग मरीजों को पीठ पर उठाकर अस्पताल ले जाने को मजबूर हैं.
हिमाचल में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है – भाजपा ने अपने दृष्टिपत्र में राज्य मेंरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाने की बात कही थी, लेकिन हिमाचल में बेरोजगारी एक गंभीर समस्या रही है. आज हिमाचल बेरोजगारी के मामले में देश के टॉप 10 राज्यों में शामिल हैं. सीएमआईई(CMIE) के आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में बेरोजगारी की दर अक्टूबर माह में 9.2 थी जो कि देश की औसत दर 7.8 से ज्यादा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हिमाचल में 8.73 लाख बेरोजगार हैं.
प्रदेश के उद्योगों में 80 फीसदी नौकरियां हिमाचलियों को नहीं मिल रही- हिमाचल बीपीओ योजना (Himachal BPO Scheme) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बीपीओ स्थापित करने के लिए आर्थिक सहायता देकर रोजगार बढ़ाने की बात कही की थी, लेकिन ग्रामीण इलाके में एक भी बीपीओ नहीं खुला. रोजगार क्षमता को बढ़ावा देनेके लिए हर साल 50 हजार युवाओं को अंग्रेजी बोलने के लिए उन्नत शिक्षकों सेट्रेनिंग देने का वादा भी किया गया था. इस वादे के मुताबिक पांच सालों में 2.50 लाख युवाओं को इसकी ट्रैनिंग मिलनी थी, जबकि एक को भी इसकी ट्रैनिंग नहीं दी गई. भाजपा ने युवाओं को सरकारी और निजी नौकरियों के लिए इंटरव्यू देने के समय और नौकरी लगने पर पहले दो हफ्ते तक रहने के लिए शिमला, धर्मशाला, हमीरपुर, बीबीएन, चंडीगढ़ में हॉस्टल खोलने की बात कही थी, लेकिन कोई अमल नहीं हुआ. प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए यात्रा करने वाले छात्रों को मुफ्त यात्रा की सुविधा देने का वादा भी पूरा नहीं किया. इसी तरह विभागों में खाली पड़े रिक्त पदों पर नियुक्तियां करने की बजाए बड़ी संख्या में खाली पदों को डाइंग कैडर में बदल दिया गया.भाजपा सरकार की इससे बड़ी ठगी क्या हो सकती है!
सरकारी कर्मचारियों से किए कई वादे नहीं हुए पूरे- भाजपा ने कर्मचारियों की पेंशन बहाली पर विचार करने को लेकर आश्वासन दिया था. कर्मचारी ओपीएस बहाली की मांग को लेकर हिमाचल में सड़कों पर उतरे. कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान में वादे के मुताबिक 4-9-14 के स्केल नहीं दिया गया.आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए भी नीति बनाने को लेकर भाजपा सरकार ने पांच सालों में कोई ठोस कदम नहीं उठाए.
वरिष्ठ नागरिकों की चार धाम यात्रा का पूरा खर्च उठाने की घोषणा पर भी अमल नहीं हुआ. भाजपा ने अपने दृष्टिपत्र में वादा किया था कि प्रदेश की सीमा से टोल टैक्स बैरियर हटाने की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाएगी, मगर इसके उलटे नेशनल हाईवे पर टोल बैरियरों की संख्या बढ़ी है. धर्मशाला में हाईकोर्ट की सर्किट बेंच स्थापित करने की घोषणा भी पांच सालों में पूरी नहीं हुई.
कांग्रेस पार्टी की इतिहास रही है वादों को पूरा करना , लोगों के की हितो की रक्षा करना एवं लोक कल्याण की बुनियाद पर सरकार की नीतिया बनाना और उसको जनमानस के अंतिम पंक्ति तक पहुँचाना। 2022 चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने “हिमाचल, हिमाचलियत और हम” के समावेश से जो प्रतिज्ञा पत्र जनता के समक्ष रखा है वो हमारी हिमाचल की जनता के लिए प्रतिज्ञा है, भाजपा की तरह जुमला नहीं है.. और इस बार की चुनाव में हिमाचल की जनता स्पष्ट तौर पर कह रही है – आ रही है कांग्रेस!
इस समारोह में एआईसीसी पूर्व सैनिक प्रभारी कैप्टन प्रवीण डाबर द्वारा सैनिकों के नाम तैयार की गई एक अपील पत्र को भी श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत जी ने रिलीज़ किया। अतिथियों का स्वागत एवं मंच का संचालन श्री आनन्द माधव-एआईसीसी मीडिया एवं कम्यूनिकेशन प्रभारी,धर्मशाला,हिमाचल प्रदेश ने किया। प्रेस वार्ता में श्री प्रेम कौशल एवं श्री जितेंद्र शर्मा,मुख्य प्रवक्ता,हिमाचल कांग्रेस,श्री पुनीत मल्ली,सचिव प्रदेश कांग्रेस कमिटी,हिमाचल उपस्थित रहे।
प्रेम कौशल
मुख्य प्रवक्ता
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी