हिमाचल प्रदेश का राजनीतिक गणित 2022
2022 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश के 55, 92,828 मतदाताओं में से लगभग 44 लाख मतदाताओं ने 412 उम्मीदवारों को अपनी अपनी सोच, सरोकारों, सियासी प्रतिबद्धता, उम्मीदवारों की व्यक्तिगत छवि, उनका आचार, व्यवहार, प्रचार, राजनीतिक दलों के दृष्टिकोण, संकल्प दस्तावेजों व निवर्तमान सरकार एवं विपक्ष के 5 सालों के क्रियाकलापों को परखनली में डाल अच्छी तरह जांच परख कर अपने मतों को वीएम में बंद कर दिया। कांग्रेस, भाजपा की नाकामी, खामियों व भ्रष्टाचार को लेकर जनता के बीच में रही जबकि भाजपा अपनी सरकार की जनकल्याण की नीतियों और कांग्रेस नेतृत्वहीन पार्टी के मुद्दे पर घेरते हुए नजर आई परंतु मतदाता राजनीतिक दलों की पैंतरेबाजी से दूर अपने मुद्दों पर डटे रहें ।
022 के चुनाव में जनता के बीच तीन मुद्दे महत्वपूर्ण रहे कर्मचारियों में ओपीएस, पुरानी पेंशन की बहाली, नौजवानों में अग्निपथ योजना और महिलाओं में महंगाई। कर्मचारी व उनसे जुड़े लोगों का तर्क है कि सरकार द्वारा दी जाने वाली मौजूदा पेंशन से तो वह एक गैस का सिलेंडर नहीं खरीद सकते तो अपने परिवार का पेट कैसे भरेंगे। कांग्रेस ने इन मुद्दों को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और समूचे चुनाव में भाजपा को पीछे धकेलती चली गई। बड़े पैमाने पर बगावत ने भाजपा को और कमज़ोर किया। ग्राम परिवेश ने पुरानी पेंशन बहाली, अग्निपथ योजना, बागवानों को महंगी पैकिंग सामग्री व सुविधाओं का अभाव, महंगाई, भाजपा में हुई बड़े पैमाने पर बगावत व दोनों दलों में भीतरघात को सामने रख चुनाव परिणाम का अनुमान लगाया है।
चंबा में 5 सीटों में से तीन भटियात, चुराह और भरमौर में कांग्रेस का पलड़ा भारी है। बनीखेत में कांटे की टक्कर है और चंबा में भाजपा के बागी उम्मीदवार भाजपा की जीत पर कांटे बिछाए हैं। कांगड़ा में भाजपा 2 सीटों पर और कांग्रेस 6 सीटों पर जीत दर्ज करती दिखाई दे रही है। भाजपा कांगड़ा की सीट पर बागी खड़ा होने के बावजूद जीत रही है। जयसिंहपुर में कांग्रेस का बागी उम्मीदवार भाजपा को लाभ दे रहा है। नूरपुर, इंदौरा, ज्वाली शाहपुर, पालमपुर और फतेहपुर में कांग्रेस फतह करती नजर आ रही है। फतेहपुर में भिवानी सिंह पठानिया, राकेश पठानिया जिसे यहां पर बाहर का कह रहे हैं। कृपाल परमार भाजपा बागी और राजन सुशांत में चहुकोणीय मुकाबले में भिवानी सिंह लाभ की स्थिति में है क्योंकि भाजपा की कृपाल और पूर्व में भाजपा सरकार के मंत्री राजन सुशांत भी भाजपा वोटों में सेंधमारी कर रहे हैं। जसवां में निवर्तमान सरकार के उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर को उन्हीं के साथी व भाजपा बागी संजय पराशर काफी नुकसान पहुंचा रहे है। यहां कांग्रेस का उम्मीदवार सुरेंद्र मनकोटिया पार्टी कॉडर पर ही निर्भर है। ज्वाली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रोफेसर चंद्र कुमार भाजपा के संजय गुलेरिया व अन्य पर भारी पड़ रहे हैं। देहरा में विधानसभा चुनाव बहुत रोचक है यहां प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की सरकार बनाने वाले रमेश धवाला द्वारा अपना चुनाव क्षेत्र बदलकर चुनाव लड़ रहे हैं। रमेश धवाला निर्दलीय होशियार सिंह जो दूसरी बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं और कांग्रेस के डॉ. राजेश शर्मा को कड़ी टक्कर मिली है यहां तीनों बराबरी पर हैं लेकिन होशियार सिंह को विगत 5 सालों में किए काम के साथ-साथ दोनों राजनीतिक दलों से नजरअंदाज करने की सहानुभूति भी मिली है। ज्वालाजी से कांग्रेस के संजय रतन का मुकाबला भाजपा के दिग्गज रविंद्र रवि व निर्दलीय से है। रवि का गृह चुनाव क्षेत्र 2012 परिसीमन में आरक्षित हो गया और उन्होंने देहरा से चुनाव लड़ा और जीते और 2017 से देहरा से ही चुनाव लड़ा और हार गए। इस बार उन्होंने ज्वालाजी से इसलिए चुनाव लड़ा कि परिसीमन के समय उनके गृह क्षेत्र चुनाव क्षेत्र की कुछ पंचायतें ज्वालाजी में मिली हैं परंतु 10 साल में बहुत कुछ बदल गया है। पालमपुर में कांग्रेस के आशीष बुटेल और भाजपा के त्रिलोकपुर में मुकाबला है परंतु कपूर भाजपा के भीष्मपितामह का आशीर्वाद लेने में पूरी तरह असमर्थ रहे हैं। आशीष यहां बाजी मार जाएंगे। सुलह में मुकाबला भाजपा के विपिन परमार और जगजीवन पाल में है। कांग्रेस यहां कहीं भी मुकाबले में नहीं है। मुकाबला रोचक है परन्तु पलड़ा विपिन परमार का भारी है। बैजनाथ में कांग्रेस आगे है।
लाहौल स्पीति में निर्दलीय रवि ठाकुर को नुकसान कर सकते हैं। कुल्लू जिला में कुल्लू और बंजार कांग्रेस जीत रही है। आनी में निर्दलीय परसराम बाजी मार सकता है।
मनाली में कांग्रेस के भुवनेश्वर गौड़ और वर्तमान सरकार में मंत्री गोविंद ठाकुर में मुकाबला है परंतु भाजपा लाभ की स्थिति में है।
मंडी जिला मुख्यमंत्री जयराम का जिला है जिसमें तीन बागी भाजपा का खेल बिगाड़ रहे हैं। मंडी से प्रवीण शर्मा, सुंदर नगर से अभिषेक ठाकुर और नाचन से ज्ञानचंद।
प्रवीण शर्मा व अभिषेक ठाकुर भाजपा को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं जिससे कांग्रेस को लाभ मिल रहा है। जोगिंद्रनगर सुरेंद्र पाल को गुलाब सिंह समर्थन मिलने से प्रकाश राणा हार सकते हैं। सिराज व करसोग में भाजपा जीत दर्ज कर रही है। दरंग में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भाजपा को भीतरघात का लाभ मिल रहा है।
नाचन में भाजपा के विनोद और भाजपा के बागी ज्ञानचंद में मुकाबला है। कांग्रेस यहां बहुत पीछे है। धर्मपुर में महेंद्र सिंह बेटे रजत ठाकुर को कांग्रेस के चंद्रशेखर जबरदस्त टक्कर दे रहे हैं।
हमीरपुर में बागियों के कारण बड़सर व भोरंज में कांग्रेस सीट निकाल रही हैं।
हमीरपुर में आशीष भाजपा और कांग्रेस को मात दे सकते हैं। सुजानपुर में कैप्टन राणा की टक्कर प्रोफेसर धूमल को हराने वाले राजेंद्र राणा से है। कैप्टन राणा
यद्यपि कम परिचित चेहरा है परंतु धूमल परिवार के जबरदस्त समर्थन से राजेंद्र राणा को घेरे हुए हैं कोई भी बाजी मार सकता है। जिला ऊना में कांग्रेस का पलड़ा भारी है।
ऊना सदर में स्व. वीरेंद्र गौतम के बेटे द्वारा चुनाव लडऩे से मुकाबला रोचक है और कुटलेहड़ में भाजपा उम्मीदवार कुंवर विरेन्द्र सिंह के सहयोगी भुट्टो को कांग्रेस उम्मीदवार बनाकर चुनाव को रोचक बना दिया है।
बिलासपुर में घुमारवीं व नैना देवी में कांग्रेस भारी पड़ रही है और झंडुता में भाजपा के बागी उम्मीदवार के बावजूद भाजपा मुकाबले में है। बिलासपुर सदर में सुभाष शर्मा के चुनाव लडऩे से त्रिलोक जमवाल को मुश्किलें बहुत ज्यादा है।
यद्यपि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बेटे हरीश ने जबरदस्त प्रचार कर सीट बचाने का प्रयास किया है। परंतु बंबर ठाकुर भीतरघात के बाद भी कड़ी टक्कर दे रहे हैं। जिला सोलन में भाजपा की हालत अच्छी नहीं लग रही है। सोलन, दून और कसौली सीट पर कांग्रेस जीत को लेकर आश्वस्त है।
नालागढ़ में निर्दलीय के एल ठाकुर और बाबा के बीच मुकाबला है। अर्की कांग्रेस के पक्ष में जाती दिख रही है। जिला शिमला में बागवानों के आक्रोश के बावजूद भाजपा चौपाल में जीत दर्ज कर रही है।
कसुम्पटी में टक्कर में है। ठियोग में बहुकोणीय मुकाबला है। जुब्बल कोटखाई में भाजपा मुकाबला कर रही है। बाकी रामपुर, रोहड़ू, शिमला शहरी, शिमला ग्रामीण कांग्रेस जीत रही है। किन्नौर में कांग्रेस के जगत सिंह नेगी जीत रहे हैं।