हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड पूरे देश के लिए बन गया है पारदर्शिता की अनूठी मिसाल : डॉ. सुरेश कुमार सोनी, चेयरमैन
बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए कृतसंकल्प
अभी हाल ही में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. सुरेश कुमार सोनी के साथ Himachal Reporter Media Group के एडिटर-इन-चीफ़ राजेश सूर्यवंशी की विस्तृत बातचीत हुई।
पाठकों की सेवा में प्रस्तुत है इस वार्तालाप के कुछ सम्पादित अंश :-
हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड स्थित धर्मशाला के अध्यक्ष डॉ. सुरेश कुमार सोनी निहायत ही ईमानदार और सौम्य प्रकृति के स्वामी होने के साथ-साथ अत्यन्त हँसमुख और मिलनसार व्यक्ति हैं। वह शिक्षा के प्रचार-प्रसार को ही अपने जीवन का मुख्य ध्येय मानते हैं। यही कारण है कि प्रदेश की जयराम सरकार ने उन्हें बोर्ड के महत्वपूर्ण पद चेयरमैन की कुर्सी का कार्यभार सौंपा है।
डॉ. सोनी ने अपना जीवन परिचय देते हुए बताया कि वह हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर की घुमारवीं तहसील के छोटे से लेकिन समृद्ध गांव कोठी के निवासी हैं।
शिमला के कोटशेरा और प्रदेश विश्वविद्यालय में उन्होंने शिक्षा ग्रहण की है।
बिलासपुर कॉलेज में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विषय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुरेश को दो अवार्ड मिल चुके हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने उपलब्धियों के आकाश को छूने में सफलता प्राप्त की है।
यह अपने आप में महत्वपूर्ण बात है कि वह हिमाचल प्रदेश के ऐसे पहले प्रवक्ता हैं जो कॉलेज में पढ़ाते हुए छात्रों को पीएचडी भी करवा रहे हैं। इसके अतिरिक्त वह साढ़े तीन साल तक स्कूल में अध्यापन कार्य भी कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि वह एक साधारण से गरीब परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पिता का सड़क दुर्घटना में देहांत हो गया था। इसके बाद नाना-नानी ने ही उन्हें पढ़ाया।
अपनी उच्च शिक्षा का ब्यौरा देते हुए उन्होंने बताया कि बीएससी की पढ़ाई के बाद उन्होंने एमए राजनीतिक शास्त्र, एमफिल और पीएचडी की।
सुरेश कुमार सोनी के दो इंटरनेशनल जरनल पब्लिश हो चुके हैं।
इंडियन इंटरनेशन फ्रेंडशिप सोसाइटी ने राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार और दिल्ली पब्लिशिंग हाउस ने बेस्ट सिटीजन के अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।
शिक्षा के क्षेत्र में लंबा अनुभव रखने वाले डॉ. सुरेश ने बताया कि बोर्ड का पाठ्यक्रम पुराना है, इसमें मौलिक सुधार पर काम किया जाएगा। काफी काम बहुत कम समय में किया भी जा चुका है।
एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. सोनी ने स्पष्ट किया कि वह शिक्षा के मूलभूत ढांचे को पुख्ता बनाने के कार्य में अत्यधिक व्यस्त हैं। इस कार्य में उनगें निरंतर सफलता भी मिल रही है।
वह इस बात के पक्षधर हैं कि प्रदेश के सभी स्कूलोँ के कामकाज में पारदर्शिता लाने में ज़ोर दिया जाए। इस दिशा में युद्धस्तर पर काम जारी है।
स्कूली परीक्षाओं में नकल रोकने हेतु उन्होंने विशेष अभियान चलाया हुआ है जिसके सकारात्मक परिणाम देखने में आ रहे हैं।
उन्होनें आगे कहा कि नकल वह खतरनाक दीमक है जो बच्चों के भविष्य को चट कर जाती है। वह कभी जीवन में पूर्णतया सफल नहीं हो पाते। उनका मानसिक विकास रुक जाता है और वह देश व प्रदेश की तरक्की में योगदान देने में पीछे रह जाते हैं।
उनका पूरा प्रयास रहेगा कि नकल रूपी इस दानव को जड़ से जल्द से जल्द उखाड़ फेंका जाए।
इस कार्य के लिए उड़नदस्तों को और अधिक शक्तियां प्रदान की जा रही हैं। खासकर कुछ निजी स्कूलों से नकल को बढ़ावा देने की सूचनाएं मिल रही हैं जोकि अत्यधिक चिंताजनक है।
उन्होंने कहा कि कुछ निजी स्कूल उनके टारगेट में हैं जो पढ़ाई में कमज़ोर बच्चों को नकल दिलवा कर खूब चांदी कूट रहे हैं। अभिभावक भी मजबूरन उनके हाथों में लुट रहे हैं। इन गतिविधियों पर अंकुश लगाते हुए दोषी स्कूलों के मालिकों पर शिकंजा कसने की रणनीति पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। जल्द ही इसके पॉज़िटिव रिजल्ट सामने आएंगे तथा दोषियों को किसी भी कीमत पर बख़्शा नहीं जाएगा भले ही उनके हाथ कितने ही लंबे क्यों न हों।
उन्होनें ज़ोर देकर कहा कि जो भी स्कूल पारदर्शिता का पालन नहीं करेंगे, ईमानदारी नहीं बरतेंगे, अभिभावकों को लूटने जा घिनोना खेल खेलेंगे तो उनकी मान्यता तक समाप्त की जा सकती है। इसके लिए वे स्वयं उत्तरदायी होंगे।
उन्होंने कहा कि स्कूलों को क्लीन एंड ग्रीन करना भी उनकी प्राथमिकता का अहम हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर बच्चों के लिए काम होगा, इसके बाद अध्यापक और सरकार ।
जब उनसे पूछा गया कि देश के अन्य राज्यों जैसे दिल्ली, बिहार, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, हरियाणा आदि से लोगों से मोटा पैसा कहा कर फेक सर्टिफिकेट मुहैया करवाने के काण्ड आए दिन सामने आ रहे हैं, ऐसे में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की क्या स्थिति है।
इसके प्रतिउत्तर में डॉ सोनी ने कहा कि हिमाचल बोर्ड अपनी पारदर्शिता और ईमानदारी के लिए पूरे देश में जाना जाता है।
लेकिन यदि कोई भी बोर्ड की छवि को नुकसान पहुंचाने का कुप्रयास करता है तो उस पर कठोर कानूनी कार्यवाही करते हुए उनकी मान्यता रद्द करने में बोर्ड कतई पीछे नहीं नहीं रहेगा तथा गड़बड़झाला करने वाले सलाखों के पीछे होंगे।
उन्होंने अंत में अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि यदि आपको किसी भी गड़बड़ी की आशंका होती है तो मुझे सीधे तौर पर सूचित कर सकते हैं ताकि त्वरित कार्यवाही अमल में लाई जा सके।
Dr. Suresh Kumar Soni ने चेतावनी देते हुए कहा कि बच्चे हमारे राष्ट्र की अमूल्य धरोहर हैं तथा उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा तथा बोर्ड की गरिमा को खंडित करने वालोँ को कठोर सजा दी जाएगी।
डॉ. सोनी जी, हिमाचल रिपोर्टर मीडिया ग्रुप ईश्वर से यही कामना करता है कि आपके कार्यकाल में प्रदेश का स्कूल शिक्षा बोर्ड दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की करे तथा पूरे देश में पारदर्शिता की एक अलग मिसाल पैदा करे।
जय भारत – जय हिमाचल!