गलती करे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और भुगतें मासूम विद्यार्थी

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हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के रिजल्ट  का सच हिमाचल प्रदेश राजकीय अघ्यापक संघ ने उठाया क्योंकि अध्यापक संघ 1956 से देश हित ,छात्र हित व शिक्षक हित मे कार्य कर रहा है । प्रदेश राज्य प्रवक्ता प्रवीण शर्मा ने कहा कि संघ बनाने की जरूरत तब पड़ती है जब आम जन के अधिकारों के साथ खिलबाड़ होता है और जब जब अधिकारों का हनन हुआ तब तब कोई न कोई आवाज उठाने वाला भी आता रहा है । हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की तरफ से चूक हुई है जिसका खामियाजा पूरे प्रदेश के विद्यार्थी भुगत रहे हैं । अध्यापक संघ ने जब विद्यार्थियों से बात की तो पता चला कि जून माह में पेपर खत्म हुए और नबम्बर माह में रिजल्ट निकाला गया जबकि पेपर चेकिंग अक्टूबर माह में शुरू की गई । और साथ ही पता चला कि यह चैकिंग कम्प्यूटर द्वारा की गई । जिसमें रिजल्ट का कम आना तकनीकी खराबी बताया गया । राज्य प्रवक्ता प्रवीण शर्मा ने कहा कि माता पिता अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा देने का प्रयत्न करते हैं । और कुछ माता पिता मजदूरी कर अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दे रहे हैं ऐसे में अगर मेधावी बच्चे तकनीकी खराबी के कारण फेल हो जाएं तो इसका खमियाजा वे माता पिता और बच्चे ही भुगतने को मजबूर होते हैं जिन्होने उज्ववल भविष्य के सपने सँजोए होते हैं । कहा कि पेपर चैकिंग मैनुअल ही होनी चाहिए । और ढंग से होनी चाहिए क्योंकि विद्यार्थी बहुत कठिन परिस्थितियों में विद्यार्थी जीवन को पूरा कर पाते हैं । इस बार के रिजल्ट में चाहे वह किसी भी निकाय का हो ,हिमाचल विश्वविद्यालय हाशिये पर आया है । इसके लिए विश्वविद्यालय ने संज्ञान भी लिया है और 300 विद्यार्थियों के दोबारा पेपर चैक होंगे । जो कि गलती मान कर दुरस्त करना काबिलेतारीफ है परन्तु वे बच्चे कहाँ जाए जो दूसरे सत्र की पढ़ाई कर रहे हैं और उन्हें दो दो कम्पार्टमेंट हैं । उनके तो लगभग दो साल खराब हो चुके हैं ।

ऐसे में विश्वविद्यालय बिना फीस लिए इन  बच्चों के सामने इनके पेपर चैक करवाने की व्यवस्था करे ताकि पारदर्शी रिजल्ट निकल सके । और बच्चों की परेशानी खत्म हो । राज्य प्रवक्ता प्रवीण शर्मा ने परेशान बच्चों से भी आग्रह किया कि वे सहजता से कार्य करें और कोई गलत कदम न उठाएं । अध्यापक संघ सदैव आपके साथ है और जीत हमेशा सत्य की ही होती है।

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