अपनी जमीन तलाश रहे पांच साल से गायब कर्मचारी नेता
कांगड़ा अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के कांगड़ा जिला प्रधान राजिंदर मन्हास और जिला महासचिव सुनील कपूर ने मिडिया को दिए बयान में कहा की 27 अक्टूबर को शिमला में हुए अराजपत्रित कर्मचारी चुनाव को फर्जी बताते हुए कहा की 2017 से गायब कर्मचारी नेता इस चुनाव की आड़ में अपनी जमीन तलाशने की कोशिश कर रहे हैं उन्होंने कहा की इन नेताओं को महासंघ की कुर्सी पाने की इतनी जल्दी थी की कई जिलों में खंड कार्यकारणी के चुनाव करवाना इन्हे जरुरी नहीं लगा उन्होंने कहा की जब पिछले 5 साल में एनपीस कर्मचारी सड़कों पर पेंशन के लिए डंडे खा रहे थे तो यह पहले से पेंशन धारी नेता इस संघर्ष से गायब थे यहां तक इनमे से अधिकतर पेंशन बहाली के आभार समारोह में भी मुख्यमंत्री का पेंशन बहाली का धन्यवाद तक करने यह लोग नहीं आएं जिला प्रधान मन्हास ने कहा की कांगड़ा के ज्वालामुखी और नगरोटा बगवां में इन्होने खंड के चुनाव भी नहीं करवाएं जिला मंडी ,सोलन, सिरमौर में एक भी खंड में इन्होने चुनाव नहीं करवा के सीधा जिला चुनाव ही करवा दिए जो सरासर दर्शाता है इनकी मंशा कर्मचारी हित में काम करने की नहीं अपितु महासंघ की कुर्सी हथियाने की है जिला प्रधान ने कहा की पुरे हिमाचल के कर्मचारी प्रदीप ठाकुर को ही अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ का प्रधान देखना चाहते हैं क्यूंकि उनकी अगुवाई में पेंशन जैसे मुद्दे का हल हुआ है जिला प्रधान ने कहा की उन्हें पूर्ण भरोसा है की सरकार प्रदीप ठाकुर के ही महांसघ को मान्यता देगी