हिंदी भाषा
- कमलेश सूद
पालमपुर 176061
हिमाचल प्रदेश
संपर्क ः
9418835456
कवि, लेखक कुछ साहित्यकार
प्रयत्नशील हैं करने को
सत्यापित राष्ट्र भाषा को
अपने ही देश में, अपनी ही भाषा को
दिन-रात एक जुट हो खड़े हैं
विडंबना है कैसी देखिए इस देश की
अपनी ही भाषा अपनों से
मांग रही इंसाफ है
उसे अपने होने का
देना देश को प्रमाण है
कह रही है संवेदनशील साहित्यकारों से
छोड़ना मत आस ,
डगमगाने मत देना विश्वास
डरना मत सिलसिलेवार मिले ज़ख्मों अत्याचारों से
तुम मुझे सत्यापित अवश्य ही करना।
सरकार यों तो प्रयत्नशील है
करवा रही आयोजन कई
दिखला रही न ढील है
हिंदी दिवस , पखवाड़े भी कभी
लेख सुलेख योजनाएं भी हैं कई
पर जानते समझते हैं सभी
कितनी मंजिल तय हुई है अभी
सफल न होगा अभियान तब तक
प्रयास न होगा मन से जब तक
जोड़ती है मनों को
समृद्धि से हिन्दी भरपूर है
कश्मीर से कन्याकुमारी तक
सहज, सुंदर भारत की गुरूर है
सरल बहुत सीधी सच्ची है
मस्तिष्क से मन में उतर जाती है
वैज्ञानिक एकदम सटीक है
व्याकरण का प्रयोग सही सटीक है
विश्वास है मुझे पूरा
एक दिन ऐसा आएगा
पखवाड़े या हिंदी दिवस तो
हर भारतवासी
राष्ट्र भाषा दिवस मनाएगा
किसी दबाव में नहीं
मन से अपनानी होगी
चमके यह ध्रुव तारे सी
भाषाओं के आकाश में
रखना है इसे बुलंदियों पर
देगी ज्ञान का प्रकाश यह
बस इसे जनमानस की भाषा बनाना है
दफ्तर, घर, बाजार या कालेज में भी
इसे बोलना और लिखना -लिखाना है।
(अपने ही देश में, अपनी ही भाषा के लिए)