हिन्दु होकर हिन्दु का, आप सभी सम्मान करो!
ASSAM
NARINDER SINGH PATHANIA
हिन्दु होकर हिन्दु का,*
*आप सभी सम्मान करो!*
*सभी हिन्दु एक हमारे,*
*मत उसका नुक सान करो!*
*चाहे हिन्दु कोई भी हो,*
*मत उसका अपमान करो!*
*जो ग़रीब हो, अपना हिन्दु,*
*धन देकर धनवान करो!*
*हो गरीब हिन्दु की बेटी,*
*मिलकर कन्या दान करो!*
*अगर लड़े चुनाव हिन्दु,*
*शत प्रतिशत मतदान करो!*
*हो बीमार कोई भी हिन्दु,*
*उसे रक्त का दान करो!*
*बिन घर के कोई मिले हिन्दु,*
*उसका खड़ा मकान करो!*
*अगर हिन्दु दिखे भूखा,*
*भोजन का इंतजाम करो!*
*अगर हिन्दु की हो फाईल,*
*शीघ्र काम श्रीमान करो!*
*हिन्दु की लटकी हो राशि,*
*शीघ्र आप भुगतान करो!*
*हिन्दु को अगर कोई सताये,*
*उसकी आप पहचान करो!*
*अगर जरूरत हो हिन्दु को,*
*घर जाकर श्रमदान करो!*
*अगर मुसीबत में हो हिन्दु*
*फौरन मदद का काम करो!*
*अगर हिन्दु दिखे वस्त्र बिन,*
*उसे अंग वस्त्र का दान करो!*
*अगर हिन्दु दिखे उदास,*
*खुश करने का काम करो!*
*अगर हिन्दु घर पर आये,* *जय श्रीराम बोल सम्मान करो!*
*अपने से हो बड़ा हिन्दु,*
*उसको आप प्रणाम करो!*
*हो गरीब हिन्दु की संतान,*
*उसकी मदद तमाम करो!*
*संतान हो गरीब हिन्दु का पढ़ता,*
*कापी पुस्तक दान करो!*
*यदि आप हिन्दुधर्म का विकास करना चाहते है तो यह कविता प्रत्येक हिन्दु तक पहुंचनी चाहिये ।*
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