HAPPY DHANTERAS
🌞🕉️ *आज का हिन्दू पंचांग*🕉️🌞
*।। श्री हरि : ।।*
NISHA ARYA
⛅ *दिनांक – 02 नवंबर 2021*
⛅ *दिन – मंगलवार*
⛅ *विक्रम संवत – 2078*
⛅ *शक संवत -1943*
⛅ *अयन – दक्षिणायन*
⛅ *ऋतु – हेमंत*
⛅ *मास – कार्तिक*
⛅ *पक्ष – कृष्ण*
⛅ *तिथि – सुबह 11:32 से त्रियोदशी*
⛅ *नक्षत्र – सुबह 11:45 से हस्त*
⛅ *योग – शाम 06:14 तक वैधृति*
⛅ *राहुकाल – शाम 03:12 से 04:37*
⛅ *सूर्योदय – 06:43*
⛅ *सूर्यास्त – 18:01*
⛅ *दिशाशूल – उत्तर दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण – गुरु द्वादशी, भौम प्रदोष व्रत, धनतेरस, भगवान धन्वंतरि जयंती- राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस, यमदीप दान*
💥 *विशेष – द्वादशी को पूतिका(पोई) अथवा त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌷 *आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो* 🌷
➡ *02 नवम्बर 2021 मंगलवार को भौम प्रदोष योग है ।*
🙏🏻 *किसी को आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो भौम प्रदोष योग हो, उस दिन शाम को सूर्य अस्त के समय घर के आसपास कोई शिवजी का मंदिर हो तो जाए और ५ बत्ती वाला दीपक जलाये और थोड़ी देर जप करें :*
👉🏻 *ये मंत्र बोले :–*
🌷 *ॐ भौमाय नमः*
🌷 *ॐ मंगलाय नमः*
🌷 *ॐ भुजाय नमः*
🌷 *ॐ रुन्ह्र्ताय नमः*
🌷 *ॐ भूमिपुत्राय नमः*
🌷 *ॐ अंगारकाय नमः*
👉🏻 *और हर मंगलवार को ये मंगल की स्तुति करें:-*
🌷 *धरणी गर्भ संभूतं विद्युत् कांति समप्रभम ।*
*कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम प्रणमाम्यहम ।।*
🌷 *धनतेरस* 🌷
➡ *02 नवम्बर 2021 मंगलवार को धनतेरस है ।*
🙏🏻 *कार्तिक कृष्ण (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार अश्विन) त्रयोदशी के दिन को धनतेरस कहते हैं, भगवान धनवंतरी ने दुखी जनों के रोग निवारणार्थ इसी दिन आयुर्वेद का प्राकट्य किया था, इस दिन सन्ध्या के समय घर के बाहर हाथ में जलता हुआ दीप लेकर भगवान यमराज की प्रसन्नता हेतु उन्हे इस मंत्र के साथ दीप दान करना चाहिये-*
🌷 *मृत्युना पाशदण्डाभ्याम् कालेन श्यामया सह ।*
*त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम ॥*
🔥 *(त्रयोदशी के इस दीपदान के पाश और दण्डधारी मृत्यु तथा काल के अधिष्ठाता देव भगवान देव यम, देवी श्यामला सहित मुझ पर प्रसन्न हो।)*
🌷 *नरक चतुर्दशी* 🌷
➡ *03 नवम्बर 2021 बुधवार को नरक चतुर्दशी है ।*
🙏🏻 *नरक चतुर्दशी के दिन चतुर्मुखी दीप का दान करने से नरक भय से मुक्ति मिलती है, एक चार मुख ( चार लौ ) वाला दीप जलाकर इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिये –*
🌷 *” दत्तो दीपश्वचतुर्देश्यां नरकप्रीतये मया ।*
*चतुर्वर्तिसमायुक्तः सर्वपापापनुत्तये ॥“*
👉🏻 *( नरक चतुर्दशी के दिन नरक के अभिमानी देवता की प्रसन्नता के लिये तथा समस्त पापों के विनाश के लिये मै चार बत्तियों वाला चौमुखा दीप अर्पित करता हूँ।)*
🙏🏻 *यद्यपि कार्तिक मास में तेल नहीं लगाना चाहिए, फिर भी नरक चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तेल-मालिश (तैलाभ्यंग) करके स्नान करने का विधान है, ‘सन्नत कुमार संहिता’ एवं धर्मसिन्धु ग्रन्थ के अनुसार इससे नारकीय यातनाओं से रक्षा होती है, जो इस दिन सूर्योदय के बाद स्नान करता है, उसके शुभकर्मों का नाश हो जाता है।*
🌷 *काली चौदसः नारकीय यातनाओं से रक्षा* 🌷
➡ *03 नवम्बर 2021 बुधवार को नरक चतुर्दशी (काली चौदस) है ।*
▪ *नरक चतुर्दशी (काली चौदस) के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तेल-मालिश (तैलाभ्यंग) करके स्नान करने का विधान है, ‘सनत्कुमार संहिता’ एवं ‘धर्मसिंधु’ ग्रंथ के अनुसार इससे नारकीय यातनाओं से रक्षा होती है।*
▪ *काली चौदस और दीपावली की रात जप-तप के लिए बहुत उत्तम मुहूर्त माना गया है, नरक चतुर्दशी की रात्रि में मंत्रजप करने से मंत्र सिद्ध होता है।*
▪ *इस रात्रि में सरसों के तेल अथवा घी के दिये से काजल बनाना चाहिए, इस काजल को आँखों में आँजने से किसी की बुरी नजर नहीं लगती तथा आँखों का तेज बढ़ता है।*
🙏🏻 *- पूज्य बापूजी*
🙏🏻🕉️🌹🕉️🌹🕉️🌹🕉️🌹🙏🏻