मशहूर लेखिका श्रीमती सुरेश लता अवस्थी के “होली के रंग” आपके लिये

Holi

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होली के रंग

SURESH LATA AWASTHI

CHOWKI, KHALET, PALAMPUR

Mob : 82787 39443

समय वह हाल बेहाल था,
जब होली का त्यौहार था,
न कोई खुश उस बार था,
कोरोना का जो हाहाकार था,
आंसुओं के साथ होली मनाई थी,
कोरोना ने तबाही जो मचाई थी।

पर आज होली का त्यौहार है
मस्ती सब के दिल पर सवार है,
रंगों की पड़ रही बौच्छार हैं,
होली के रंग में सब सरोबार हैं,
दिन गिन गिन महीना फाग आया है,
धरा में फूलों की बहार आई है,
सब के चेहरों पर रौनक छाई है,
होली की सब को बहुत बधाई है।

रंग बिरंगे पुष्पों से पराग के कण,
हवा ने देखो चारों ओर बिखेरे हैं,
कोयल मस्ती में कूक रही है,
गौरी पिया के संग झूम रही है,
कृष्ण की बंसी जब बजती है,
बृज की होली खूब सजती है,
गोपियाँ जब मधुर गीत गाती हैं,
तो राधा मंद मंद मुस्कराती है।

किसी ने रंगों से खेली,
किसी ने ग़ुलाल से खेली,
शत शत नमन उन वीरों को,
जिन्होंने वतन के लिए खून से खेली।

सुरेश लता

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