नई दिल्ली: जासूसी कांड कांड को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि भारत को विकास के पथ से भटकाने के लिए अड़चनें व रोड़े डालने वाले अपनी साजिशों में कामयाब नहीं होंगे। कुछ लोग वहीं पुराना राग अलाप रहे हैं और देश को विकास के रास्ते से उतारना चाहते हैं।
भारत को अपमानित करने का प्रयास
उन्होंने कहा कि आज संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ और आज के घटनाक्रम को पूरे देश ने देखा। देश के लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए मानसून सत्र से ठीक पहले कल देर शाम एक रिपोर्ट आती है, जिसे कुछ वर्गों द्वारा केवल एक ही उद्देश्य के साथ फैलाया जाता है कि कैसे भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारा जाए और अपने पुराने नैरेटिव के तहत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को अपमानित करने के लिए जो कुछ भी करना पड़े किया जाए।
इस मानसून सत्र से देशवासियों की ढ़ेरों अपेक्षाएं और उम्मीदें जुडी हैं। देश के किसानों, युवाओं, महिलाओं और समाज के गरीब व वंचित वर्ग के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण विधेयक सदन में सार्थक बहस और चर्चा के लिए तैयार हैं। रविवार को सर्वदलीय बैठक और आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भी प्रधानमंत्री जी ने सभी विपक्षी दलों के नेताओं को स्वयं आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार सदन में सभी विषयों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
शाह ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री जी द्वारा केंद्रीय मंत्रिपरिषद का विस्तार किया गया जिसमें देश के हर कोने से समाज के हर वर्ग विशेषकर महिलाओं, किसान, दलित और पिछड़े वर्ग से चुनकर आए सदस्यों को विशेष प्रतिनिधित्व दिया गया। लेकिन, कुछ ऐसी देशविरोधी ताकतें हैं जो मोदी जी द्वारा महिलाओं और समाज के पिछड़े व वंचित वर्ग को दिए गए सम्मान को पचा नहीं पा रही हैं। ये वही लोग हैं जो निरंतर देश की प्रगति को बाधित करने का प्रयास करते रहते हैं।
कांग्रेस का विवाद में कूदना आश्चर्यजनक नहीं
गृहमंत्री ने कहा कि ऐसे में सवाल उठता है कि ये लोग किसके इशारे पर भारत की छवि को धूमिल करने का काम कर रहे हैं? उन्हें बार-बार भारत को नीचा दिखाने में क्या खुशी मिलती है? अपना जनाधार व राजनीतिक महत्व खो चुकी कांग्रेस को इसमें कूदते देखना न तो अप्रत्याशित लगता है और ना ही आश्चर्यजनक। कांग्रेस के पास लोकतंत्र को कुचलने का अच्छा अनुभव है। लोकतंत्र एवं विकास की अवरोधक कांग्रेस खुद आंतरिक कलह से जूझ रही है इसलिए वो संसद में आने वाले किसी भी प्रगतिशील कार्य को पटरी से उतारने की हर संभव कोशिश कर रही है।