कर्नल जसवंत सिंह चंदेल विशिष्ट समाज सेवा सम्मान व डॉ. अरुण कुमार शास्त्री साहित्य पुरस्कार से सम्मानित
बिलासपुर
महिला साहित्यकार संस्था बिलासपुर द्वारा भाषा व संस्कृति विभाग के सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में साहित्य शिरोमणि दिल्ली से पधारे डा. अरुण कुमार शास्त्री ने मुख्यातिथि के रूप में भाग लिया। वहीं विशिष्ट अतिथि की भूमिका कर्नल जसवंत सिंह चंदेल ने निभाई।
संस्था द्वारा अरुण कुमार शास्त्री को साहित्य पुरस्कार और जसवंत सिंह चंदेल को विशिष्ट समाज सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया।
इनके अलावा सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक तथा आर्ट ऑफ लिविंग की शिक्षिका मीरा भोगल को भी समाजसेवा तथा साहित्यकार और लेखक सुरेंद्र मिन्हास को साहित्य पुरस्कार से नवाजा गया।
इस अवसर पर मुख्यातिथि अरुण कुमार शास्त्री ने कहा कि साहित्य की विधा अपने आप में एक अलग विधा है। मन में उपजे भावों को कलम के द्वारा कागज पर अंकुरित करने का कार्य साहित्यकार करता है।
उन्होंने महिला साहित्यकार संस्था का आभार प्रकट किया कि संस्था ने उन्हें इस सम्मान के लिए चुना। विशिष्ट अतिथि कर्नल जसवंत सिंह चंदेल ने अपने संबोधन में माता-पिता और बच्चों के आपसी संबंधों की चर्चा की और कहा कि आज के इस वातावरण में अगर बच्चे बिगड़ने की ओर अग्रसर हो रहे हैं तो इसमें सबसे बड़ा कसूर माता-पिता का है।
उन्होंने कहा कि माता-पिता और बच्चों के बीच में सार्थक संवाद होना चाहिए। इस अवसर पर उपस्थित साहित्यकारों
ने अपनी-अपनी रचनाएं भी प्रस्तुत कीं। संस्था की अध्यक्ष शीला सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना काल के बाद संस्था की यह पहली बैठक है जिसमें संस्था समाज के विशिष्ट व्यक्तियों को सम्मानित कर रही है।
संस्था की ओर से जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी को भी सम्मानित किया गया।
भाग लेने वाले अन्य साहित्यकारों में मीना चंदेल, वीना बर्धन, ललिता कश्यप, विजय सहगल, डा. हेमा शर्मा, प्रो. जय महलवाल, हरनाम सिंह चंदेल, चंद्रावती मिन्हास, सुमन डोगरा, आस्था गौतम सहित शिक्षा विभाग से अनीता, वीना व माया को भी स्मृति चिन्ह दिया गया।
पी. जी. कालेज बिलासपुर की छात्राएं मनीषा, पल्लवी, प्रेरणा, कल्पना व शिवानी भी शामिल रहे।
साहित्यकारों ने अपनी-अपनी रचनाओं का वाचन भी किया। कार्यक्रम में मंच संचालन अरूण डोगरा रीतू द्वारा किया गया।
कार्यक्रम के अंत में संस्था की महासचिव शालिनी शर्मा ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।
इस अवसर पर अतिथियों के लिए बिलासपुरी धाम का आयोजन भी किया गया था। कुल मिलाकर यह एक यादगार कार्यक्रम साबित हुआ।