बागवानी विभाग द्वारा सूखे से निपटने के लिए किया जा रहा जागरूकता शिविरों का आयोजन
बागवानी विभाग द्वारा सूखे से निपटने के लिए किया जा रहा जागरूकता शिविरों का आयोजन
बागवानी विभाग द्वारा सूखे से निपटने के लिए किया जा रहा जागरूकता शिविरों का आयोजन
INDIA REPORTER TODAY
DHARAMSHALA : ARVIND SHARMA
उप निदेशक, बागवानी, डॉ. कमलशील नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि बागवानी विभाग द्वारा जिला कांगड़ा में सूखे से निपटने के लिए अनेक प्रबन्ध किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभागा द्वारा जिला के विभिन्न विकास खण्डों में पंचायत स्तर पर किसानों व बागवानों को सूखा प्रबन्ध हेतु जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत लगभग 150 शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में बागवानों को सूखे से निपटने के लिए विभिन्न उपायों, तकनीकों व सरकार द्वारा जल प्रबन्धन हेतु चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि बागवान पौधों के तोलियां (बेसिन) में नमी बनाए रखने के लिए सूखे घास या भूसे की 15 सेंटीमीटर मोटी परत या पॉलिथीन/प्लास्टिक मल्च बिछाएं। यह भूमि से नमी के वाष्पीकरण को रोकेगी तथा भूमि में खरपतवार को भी नहीं उगने देगी।
उन्होंने बताया कि फलदार पौधों की जड़े अनाज वाली फसलों तथा सब्जियों की अपेक्षा गहरी होती हैं इसलिए कुछ हद तक सूखे की स्थिति को झेल सकती हैं, लेकिन जिले में पिछले लगभग तीन-चार महीनों से पर्याप्त वर्षा नहीं होने पर सूखे जैसी परिस्थितियां पैदा हो गई हैं जिसका विपरीत प्रभाव फल-पाधों पर भी पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि आजकल जिला में आगम, नीची व नीम्बू वर्गीय इत्यादि फल-पौधों में फलन हो रहा है इसलिए मिट्टी में पर्याप्त नमी होना अत्यंत आवश्यक है ताकि बागवान गुणवत्तायुक्त अच्छी उपज ले सकें।
उन्होंने बताया कि सूक्ष्म सिंचाई (टपक/फब्बारा) पानी तथा खाद पौधें की जड़ों में पहुंचाने का उत्तम तरीका है। जिला में जिन किसानों के पास पानी का उचित स्त्रोत उपलब्ध है, वह बागीचे में टपक/फब्बारों सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित करने हेतु 80 प्रतिशत अनुदान राशि पर प्रधानमंत्री कृषि सिुचाई योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकते है। टपक सिंचाई से जहां पानी की 50-60 प्रतिशत बचत होती है, वहां पानी सीधा पौधों की जड़ों को प्राप्त होता है।
उन्होंने बताया कि किसानों व बागवानों की सुविधा के लिए प्लास्टिक जल भण्डारण टैंक 300 लीटर व पाइप अनुदान राशि पर विभाग के विकास खण्ड स्त्र पर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए उप निदेशक, उद्यान या अपने नजदीकी उद्यान विभाग कार्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।