अब इस अस्पताल की खुल गई पोल, हॉस्पिटल प्रशासन सोया कुम्भकर्णी नींद

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MUNISH KOUNDAL

CHIEF EDITOR


क्षेत्रीय कुल्लू की अव्यवस्था की पोल खुलने लगी है। डाक्टरों की कमी है नही फिर भी #गंभीर हालत में मरीजों को मेडिकल कालेज रेफर किया जा रहा है। हैरानी इस बात की है ककि अस्पताल में कार्यरत एम्बुलेंस बिजी बताई जा रही है । मरीजों को बिना ऐंबुलेंस से ही रेफर किया जा रहा है। गरीबों के साथ यह कैसा खेल खेला जा रहा है । आज एक ऐसा मामला सामने आया है। गर्भवति महिला को एन मौके पर डाक्टरों ने नेर चौक रेफर कर दिया। लेकिन अस्पताल बनाया तो सरकारी ऐंबुलेंस मौजूद थी न ही कोई अन्य सुविधा आनन फानन मे प्रसूता महिला को साधारण वाहन में नेर चौक ले जाना पड़ा। अब ऐसे में अस्पताल व्यवस्था व सरकार की कार्य प्रणाली सवाल उठना लाजमी हैं। कुल्लू अस्पताल के हाल इस कदर खस्ता है कि गर्भवती महिला को इमरजेंसी में मेडिकल कालेज नेरचौक रैफर किया लेकिन एम्बुलेंस का कोई इंतजाम नहीं । कहा गया कि एक एंबुलेंस 13 घंटे के बाद आएगी दुसरी भी बिजी है। मतलब 13 घंटे के बाद एबुलेंस मिलेगी । तब तक जच्चा बच्चा का जिम्मेदार कौन है,,,जिनका पेशेंट है उन्हे तो जैसे कैसे इलाज के लिए नेरचौक निकलना ही पड़ा। उन्हे तो गाड़ी हायर करनी पड़ी ऐसे में सरकार के दावे तो हवा हवाई हैं,,,, जच्चा बच्चा की सुरक्षा को लेकर भी

अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं है,,, बाकि तो फिर क्या होगा,,,,,

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