अगर परेशान बच्चों ने कुछ कर लिया तो ज़िम्मेदार होगा हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी प्रशासन : प्रवीण शर्मा
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RAJESH SURYAVANSHI
- हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ राज्य प्रवक्ता प्रवीण शर्मा ने जारी बयान में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला पर बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया ।
- उन्होंने कहा कि चार महीनों बाद सोमवार को बीएसी फर्स्ट ईयर का रिजल्ट घोषित किया गया जो कि 6 फीसदी के करीब था ।
- स्टूडेंट के विरोध करने पर इसे पिछले कल फिर से अपडेट किया गया । अध्यापक संघ राज्य प्रवक्ता ने कहा कि वे खुद भी काफी वर्षों से बोर्ड में पेपर चेकिंग का कार्य कर रहे हैं । रिजल्ट एक बार ही निकलता है अगर रिजल्ट में कोई कमी हो तो फेल बच्चों को ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं परन्तु इस बार हिमाचल शिमला यूनिवर्सिटी ने नया कारनामा अंजाम दिया ।
- कल की नई लिस्ट में फर्स्ट डिवीजन में पास बच्चों को फेल घोषित कर दिया । प्रवीण ने कहा कि यह कदम बच्चों के मनोबल को तोड़ने जैसा है । मेधावी बच्चे रात दिन मेहनत कर रहे हैं ताकि देश सेवा कर सकें परन्तु उनके भविष्य के साथ जिस प्रकार खिलबाड़ हुआ है उसे देखते हुए बच्चों का विश्वास हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से उठ गया है ।
- बहुत से मेधावी बच्चे जो सोमवार की लिस्ट में फर्स्ट डिवीजन में पास थे उन्हें दूसरी लिस्ट में दो दो सब्जेक्ट में फेल कर दिया गया ।
- जब हमने शिमला यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों से बात की तो उन्होंने तीसरी लिस्ट निकाल दी और दूसरी लिस्ट में फेल किये बच्चों कोअपनी गलती मानते हुए पास घोषित कर दिया।
- अघ्यापक संघ ने बच्चों के साथ हुए मानसिक उत्पीड़न के लिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को दोषी मानते हुए कहा कि अगर ऐसी स्तिथि में कोई बच्चा गलत कदम उठा ले तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ।
- कुछ बच्चे जो फर्स्ट डिवीजन में पास हैं, मिले हुए मार्क्स से संतुष्ट नही हैं, उनका कहना है कि पेपर चेकिंग ढंग से नही हुई हैं और यह वे बच्चे हैं जिन्हें विश्वविद्यालय की तरफ से मेधावी विद्यार्थी माना जाता है।