उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) की तैयारी बीजेपी (BJP) ने शुरू कर दी है. बीजेपी का फोकस राज्य में दोबारा सरकार बनाने की है और इसके लिए पार्टी गुजरात फॉर्मूले (Gujarat Formula) को अपनाने की जुगत में है.
बीजेपी जिस तरह से गुजरात में हर बार एंटी इनकमबेंसी (Anti Incumbency) की काट के लिए पुराने विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरे पर दांव लगाती आ रही है. चर्चा है कि यूपी में भी बीजेपी उसी फार्मूले के तहत अपने 100 से ज्यादा मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरे पर दांव लगा सकती है.
इस दांव से बीजेपी लंबे समय से गुजरात (Gujarat) में काबिज है. 2017 में दिल्ली के एमसीडी चुनाव में भी बीजेपी ने सभी मौजूदा पार्षदों का टिकट काट दिया था और नए चेहरों पर दांव लगाने का फॉर्मूला हिट रहा था. इतना ही नहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में भी बीजेपी ने कई मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए थे. उस चुनाव में बीजेपी ने 2014 के मुकाबले 90 सांसदों के टिकट काटे थे. 5 सांसद पार्टी छोड़ गए थे तो कुछ सांसद 75+ उम्र के क्राइटेरिया के वजह से पिछड़ गए थे.
अब यूपी में भी बीजेपी दोबारा सत्ता वापसी करने की कोशिश कर रही है और इसके लिए गुजरात फॉर्मूला अपना सकती है. अगर ऐसा होता है तो अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कई मौजूदा विधायकों का टिकट काटा जा सकता है और उनकी जगह नए चेहरों पर दांव लगाया जा सकता है.
फरवरी-मार्च में हो सकते हैं चुनाव
उत्तर प्रदेश में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. 2017 के चुनाव में बीजेपी ने यहां की 403 में से 312 सीटों पर जीत दर्ज की थी. सपा और कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. सपा ने 47 और कांग्रेस ने 7 सीटें ही जीती थीं. मायावती की बसपा 19 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.