कोरोना के चलते निमोनिया खतरनाक स्तर तक पहुंचा
लेकिन बेहतर इलाज व अनुशासन से स्वस्थ हुई 67 वर्षीय महिला
- कोरोना के चलते निमोनिया खतरनाक स्तर तक पहुंचा, लेकिन बेहतर इलाज व अनुशासन से स्वस्थ हुई 67 वर्षीय महिला
एक हफ्ते तक पालकवाह डीसीएचसी में दाखिल रहने के बाद स्वस्थ होकर अपने घर जोह पहुंची महिला
ऊनाः कोविड-19 वायरस के संक्रमण के कारण 67 वर्षीय जोह निवासी एक महिला का स्वस्थ खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। सांस लेने में दिक्कत के चलते जब गगरेट जाकर सीटी स्कैन कराया तो, स्कोर 25 से 16 पहुंच चुका था। बिना देरी किए परिवार ने महिला को डीसीएचसी पालकवाह में शिफ्ट कराया तथा एक सप्ताह तक स्वास्थ्य लाभ लेने के बाद महिला स्वस्थ होकर अपने घर वापस जोह पहुंच गई।
महिला के पति बताते हैं “शुरूआत में मेरी पत्नी को कोरोना के हल्के लक्षण थे, लेकिन बाद में सांस लेने में दिक्कत होने लगी। बीएमओ गगरेट की सलाह पर उन्हें पालकवाह ले जाया गया। उनका ऑक्सीजन स्तर 92 तक पहुंच गया था और वहां पर उन्हें ऑक्सीजन दी गई। पालकवाह में इलाज के बेहतर प्रबंध हैं, वहां का स्टाफ काफी मदद करता है। विशेष रूप से डॉ. संजीव धीमान ने बहुत मदद की। हम बेहतर इलाज के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर व प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हैं।”
सीटी स्कैन का स्कोर 16 तक पहुंचने का मतलब है कि निमोनिया खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। पालकवाह डीसीएचसी में तैनात डॉ. संजीव धीमान ने कहा कि 16 स्कोर का अर्थ है सीवियर यानी खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका निमोनिया। उनके फेफड़ों में संक्रमण काफी बढ़ गया था तथा सही समय पर उन्हें इलाज नहीं मिलता तो, स्थिति भयानक हो सकती थी। लेकिन उन्होंने स्वयं आगे आकर स्वास्थ्य संस्थान जाकर इलाज कराया और अब खुशी इस बात की है कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
महिला ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कोविड अस्पतालों में इलाज का अच्छा इंतजाम कर रखा है। जब उन्हें लक्षण शुरू हुए तो उन्होंने स्वयं जाकर कोविड टेस्ट कराया जिससे कि संक्रमण का पता समय रहते चल गया। उन्होंने कहा कि कई लोग संक्रमण को छुपा रहे हैं, जिससे इलाज में देरी होती है। किसी को भी सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में दिक्कत शुरू होने पर तुरंत जांच करवानी चाहिए। संक्रमण का पता लगाकर ही जान बच सकती हैं।