चंडीगढ़। राजपुरा में भाजपा की बैठक के दौरान किसानों के विरोध प्रदर्शन ने देर रात हिंसक रूप ले लिया। किसानों ने भाजपा के जिला सचिव डा. अजय चौधरी अन्य नेताओं व उनके परिवार को घर में बंधक बना दिया और घर की बिजली काट दी। देर रात हाई कोर्ट को भाजपा नेताओं को छुड़ना के आदेश देने पड़े। पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज किया और भाजपा नेताओं को मुक्त कराया।
डीएसपी गुरविंदर सिंह ने प्रशासन आज हाई कोर्ट में मामले की स्टेटस रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा नेताओं की बैठक की सूचना मिली, तुरंत 100 के करीब पुलिसकर्मी तैनात किए गए। भाजपा नेताओं ने बैठक व प्रेस वार्ता के बारे में स्थानीय प्रशासन को सूचित नहीं किया। सबको सुरक्षित निकाल लिया गया था। और भाजपा नेताओं की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया।
वहीं, इस मामले को लेकर राज्य में राजनीति गरमा गई है। भाजपा नेता राज्यभर में सड़कों पर उतर आए हैं। भाजपा नेता आज किसानों पर एफआइआर दर्ज करने की मांग को लेकर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से भी मिले। बता दें, पटियाला जिला प्रशासन और पुलिस ने भारी मशक्कत के बाद यहां किसानों का धरना सुबह करीब चार बजे हटवाया और घर में बंधक बने हुए भाजपा नेताओं को पांच बजे मुक्त कराया। इस दौरान भाजपा नेता करीब 12 घंटे घर में ही बंधक बने रहे। चाहे पुलिस ने इन्हें मुक्त करवाने के लिए प्रयास किए, लेकिन बंधक बनाने वाले किसानों के खिलाफ कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं की है।
मुक्त करवाने के आठ घंटे बाद भी पुलिस ने इस घटना के संबंध में कोई केस दर्ज नहीं किया। इस बारे में राजपुरा के डीएसपी गुरविंदर सिंह का कहना है कि इस घटना में शामिल किसानों की पहचान की जा रही है। उसके बाद ही किसानों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवायी की जाएगी।दूसरी ओर जहां राजपुरा की भाजपा लीडरशिप इस प्रकरण में अगली कार्रवाई के लिए पार्टी हाईकमान के निर्देशों का इंतजार कर रही है।
किसान बोले- भाजपाइयों पर हो केस दर्ज
किसानों ने इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले राजपुरा में नई अनाज मंडी में मांग की कि भाजपाई लीडर प्रदेश सचिव सुभाष शर्मा और पटियाला से संबंधित सीनियर भाजपाई लीडर भूपेश अग्रवाल के खिलाफ पुलिस केस दर्ज करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि जब कल रविवार को विभिन्न किसान शांतिपूर्ण तरीके से केंद्र सरकार का विरोध कर रहे थे। इसी दौरान भूपेश अग्रवाल के बॉडीगार्ड ने उन्हें रिवाल्वर दिखाकर धमकाया। इस दौरान भाजपाई वर्करों ने किसानों के परिवारों के प्रति अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी किया। इस मौके किसान लीडर गुरदेव सिंह ने कहा कि उक्त भाजपाई लीडरों के खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई करने के लिए राजपुरा पुलिस ने जांच के लिए समय मांगा है, तो ऐसे में वह अपना संघर्ष फिलहाल टाल रहे हैं। इस संबंध में जल्द ही कोई कार्रवाई नहीं हुई तो विभिन्न स्थानों पर सड़क जाम की जाएगी।
सीएम से मिलेंगे भाजपा नेता
राजपुरा की घटना के विरोध में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को बंधक बनाए जाने के खिलाफ पार्टी के काेर ग्रुप का एक शिष्टमंडल सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलेगा। इसमें पार्टी प्रधान अश्विनी शर्मा समेत अन्य पूर्व प्रधान व सीनियर नेता शामिल होंगे। तीन कृषि कानूनों के विरोध में प्रदेश भर में किसान भाजपा नेताओं का विरोध कर रहे हैं। भाजपा नेता कहीं भी मीटिंग आदि करने जाते हैं तो उन्हें वहां ऐसा करने से रोका जा रहा है साथ ही विरोध भी किया जा रहा है।
राजपुरा की घटना से पहले भी भाजपा नेताओं पर कई बार हमला हो चुका है। पार्टी प्रधान अश्विनी शर्मा के अलावा विधायक अरुण नारंग, पूर्व मंत्री तीक्ष्ण सूद, सुभाष शर्मा समेत कई नेता किसानों के निशाने पर आ चुके हैँ। इसके खिलाफ पार्टी का शीर्ष नेतृत्व राज्यपाल से भी मिले थे।