मंत्रियों का आयकर *राज्य के ख़ज़ाने से!!!

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मंत्रियों का आयकर
*राज्य के ख़ज़ाने से!!!*
योगी ने तोड़ी परंपरा
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1981 में उ.प्र. के मुख्यमंत्री श्री
विश्वनाथ प्रताप सिंह ने
एक अधिनियम पास कराया
जिसके अनुसार उ.प्र. के मुख्यमंत्री व सभी
मंत्रियों के आयकर का भुगतान
प्रदेश सरकार द्वारा किया जाने
लगा।मायावती ने 111 करोड़ एवं अखिलेश ने 40 करोड़ की संपत्ति
घोषित की है।आपको दुःखद आश्चर्य होगा कि
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप
इन दोनों ने जो आय अर्जित की
उस पर आय कर (इनकम टैक्स)
उ.प्र. सरकार ने चुकाया।इनका
ही नहीं 40 साल यह “अनूठी”
प्रथा जारी रही।कितनी बड़ी
विडंबना है कि राज्य के संचालकों
द्वारा ही गरीब प्रदेश के खजाने को अपने निजी लाभ के लिये
लूटा जाता रहा।जब योगी जी
संज्ञान में ये मसला आया उन्होंने
कैबिनेट में सवाल उठाया कि जब
देश का आम आदमी आयकर
देकर राष्ट्रीय विकास में योगदान
कर सकता है तब उ.प्र. के मुख्यमंत्री और मंत्री ऐसा क्यों
नहीं कर सकते।कैबिनेट से (तमाम मंत्रियों की मंशा के विरूद्ध) फैसला
कराया कि अब मुख्यमंत्री व मंत्रीगण अपने आयकर का भुगतान स्वयं करेंगे।इस प्रकार
योगी जी इस चार दशक पुरानी
परम्परा को एक झटके में समाप्त
कर दिया।
क्या योगी जैसा व्यक्ति न आता,तब इस सरकारी खजाने को वैधानिक रूप से चूना लगाने की परंपरा कितने लोग जान पाते?फिर अपना नुकसान स्वयं
कौन करता है ?
*ये है अंतर*
आपको शायद यह प्रकरण झूठा
लगे,प्रमाण हेतु देखें After 40
Years ,U.P. ministers to
Start paying income tax
-The Economic Times
15 july 2021
ईमानदार माने जाने वाले
मुख्यमंत्री व उनके मंत्रिमंडल
द्वारा इतना अनैतिक व गलत
कार्य कानून बनाकर किया जा
सकता है।योगी यह मुद्दा न
उठाते तो संभवतया ये मसला
जल्दी संज्ञान में भी न आ पाता।
अब हमारे पास कम से कम
सोशल मीडिया का हथियार है
जिससे हम ऐसे कुकृत्यों के
विरुद्ध आवाज उठा सकते हैं।
आइये, हम सब चौकन्ने रहे ,सरकार चाहे भाजपा की
रहे या किसी और की,
सरकार के कुकृत्यों पर अपनी
आवाज़ जरूर उठायें अन्यथा
इसी प्रकार के फ़र्जी कानून
बनाकर आपको लूटा जाता
रहेगा।हर समय योगी जैसा
कोई बचाने नहीं आयेगा।

*SANJAY,Lucknow*

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