डॉ सत्येन्द्र शर्मा रचित “जग से प्यारा जग से न्यारा । ऊंचा रहे तिरंगा प्यारा ।”

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स्वाधीनता दिवस चौपाई

हर घर मेें झंडा लहराता ।
तीन रंग का सबको भाता ।।

झंडा अनुपम सुन्दर न्यारा ।
हमको है प्राणों से प्यारा ।।

पराधीन है पानी खारा ।
सारा जीवन इससे हारा ।।

पराधीनता अति दुखदाई।
इसमें सारी पीड़ समाई ।।

आजादी जो हमने पाई ।
वीरों ने जब जान गंवाई ।।

इन्द्रधनुष सा रंग रंगीला ।
झंडे की है अद्भुत लीला ।।

नमन करें जो थे बलिदानी ।
झुकने की यों बात न मानी ।।

जग से प्यारा जग से न्यारा ।
ऊंचा रहे तिरंगा प्यारा ।।

स्वरचित, मौलिक।
डा.सत्येन्द्र शर्मा, पालमपुर, हिमाचल ।

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