गोरखपुर: गोरखपुर में लोगों को दूसरा डोज लगवाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। वह किसी तरह अगर स्लॉट बुक कराकर बूथों पर पहुंच रहे हैं, तो वैक्सीन न होने की बात कहकर उन्हें लौटा दिया जा रहा है। वैक्सीन की बड़ी खेप न मिलने की वजह से यह समस्या लगातार बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक जिले में वैक्सीन की कमी के बीच विभाग ने बूथों की संख्या में कमी कर दी है। जहां पहले 155 बूथ बनाए जा रहे थे। अब वही यह संख्या सिमटकर 50 से 55 के बीच आ गई है। कभी-कभार तो यह बूथ 25 तक सिमट जाते हैं। इसकी वजह से अधिकांश बूथों से युवा वर्ग निराश होकर लौट जा रहे हैं। जिला अस्पताल के बने दोनों बूथों और महिला अस्पताल के बने बूथ पर सबसे अधिक भीड़ हो रही है। यहां रोजाना युवाओं से लोगों की बहस हो जा रही है। जिला अस्पताल के एमआरआई बूथ पर टीका लगवाने आए राप्ती नगर के सुधांशु ने बताया कि एक सप्ताह पहले दूसरे डोज का स्लॉट बुक किया हूं, लेकिन अब तक दूसरा डोज नहीं लग पाया है। जिला अस्पताल से भी निराश होकर लौटना पड़ा। इसक वजह यह है कि यहां पहले 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वरीयता दी जा रही है।
राप्ती नगर के पास बने बूथ पर चार दिनों से वैक्सीन नहीं है। जबकि जिला अस्पताल आने पर भीड़ अधिक होने के कारण वैक्सीन नहीं लग पा रहा है। कूड़ाघाट के रहन वाले रोहित ने बताया कि मोहद्दीपुर और झरना टोला में बने बूथों पर पिछले पांच दिनों से वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाने के लिए दौड़ रहा हूं, लेकिन वैक्सीन न होने का हवाला देकर लौटा दिया जा रहा है। ऐसे कहानी सैकड़ों युवाओं की हैं, जो प्रतिदिन बूथों से निराश होकर लौट रहे हैं।
कोविड टीकाकरण के तहत शुक्रवार को पूरे जिले में 47 बूथ ही बनाए गए थे। इन बूथों पर 10415 ने लोगों ने कोविड का टीका लगवाया है। इनमें 7498 को पहली डोज और 2917 को दूसरी डोज लगाई गई। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एनके पांडेय ने बताया कि टीके की कमी की वजह से कम बूथ बनाए गए थे। इसके बाद भी लोगों को टीका लगाया जा रहा है। टीके की पर्याप्त आपूर्ति होते ही क्लस्टर अभियान शुरू किया जाएगा।
सीएमओ डॉ सुधाकर पांडेय ने बताया कि टीके की कमी के कारण बूथों की संख्या कम की गई है। जैसे-जैसे टीका आ रहा है वैसे-वैसे बूथ बढ़ाए जा रहे हैं। युवा से लेकर बुजुर्ग सभी लोग प्राथमिकता में हैं। जल्द ही दूसरे डोज के लिए अलग से बूथ बनाए जाने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे की लोगों को दूसरा डोज लगवाने के लिए परेशान न होना पड़े।