किसानों के लिए मददग़ार बनी जायका परियोजना

किसानों को जब प्रशिक्षण दिया गया तो उनकी आय में अत्यधिक बढ़ौत्री हुई : राजेश सूद, ज़िला परियोजना प्रबंधक

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किसानों के लिए मददग़ार बनी जायका परियोजना

INDIA REPORTER NEWS
PALAMPUR : Er. SUDARSHAN BHATIA,

SPECIAL CORRESPONDENT
‘‘जहां चाह है, वहीं राह है’’ इस कहावत चरितार्थ किया देहरा उपमण्डल की पंचायत कुहना के बलजीत, राज कुमार, और जोगिन्दर सिंह ने। किसानी में उत्कृष्टता हासिल करने वाले इन किसानों की मेहनत का रास्ता प्रशस्त हुआ है, हिमाचल प्रदेश के कृषि महकमे की महत्वकांक्षी परियोजना जायका से प्राप्त सहायता से। हिमाचल प्रदेश सरकार और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग संस्था की परियोजना से किसानों के खेतों में लहलाती नकदी फसलों से इनकी आय लगभग 4 गुणा तक वृद्धि हुई है। आर्थिक रुप में सुदृढ़ता को देख क्षेत्र के युवा और अन्य लोग प्रेरित हो रहे हैं।
बलजीत, राज कुमार और जोगिन्दर सिंह जैसे दर्जनों किसानों की तकदीर में जाईका परियोजना के आरंभ होने के बाद बड़ा बदलाव आया। परियोजना में इस क्षेत्र में 85 लाख रुपये से चमेटी कूहल का निर्माण, किसानों के खेतों तक सड़क सुविधा पर 11 लाख और किसानों के उत्पादों को बाजार उपलब्ध करवाने के लिए 28 लाख रुपये से उत्पाद संग्रह केंद्र भी स्थापित किया गया है।
जाईका परियोजना में उठाऊ सिंचाई योजना चमेटी से वर्ष भर किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होने, फार्म तक एक्सेस रोड और अन्य सुविधा मिलने से इस क्षेत्र किसानों ने अधिक मेहनत कर इस क्षेत्र को भी प्रदेश के सब्जी उत्पादन क्षेत्रों की पहचान दिलाई। पूर्णतः वर्षा पर आधारित चमेटी क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्राप्त होन से कृषि अच्छे मुनाफ़े का जरिया बन गया।
चमेटी के बलजीत सिंह ने इस परियोजना का भरपूर लाभ उठाते हुए लगभग 12 कनाल में खेती को विस्तरित किया। खरीफ सीजन में भिन्डी, खीरा, लोकी, मीटरफली के अलावा हल्दी, जिमीकंद का उत्पादन कर अच्छी-खासी कमाई का जरिया बनाया। कृषि विज्ञानिकों की राय पर पिछले दो वर्षो से मक्की की जगह स्वीट कॉर्न लगाना शुरू किया जिससें इनकी आय 25 हजार रुपये से डेढ़ लाख रुपये तक बढ़ी है। इनकी कठोर मेहनत और लगन को देखते हुए जाईका के माध्यम से पॉलीहाउस लगवाया गया है और इसमें वे बेेमौसमी सब्जी, खीरा एवं टमाटर तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न सब्जियों पौध तैयार कर बेचने से मुनाफ़ा कमा रहे हैं। अपनी कड़ी मेहनत से इन्होंने चमेटी जैसे क्षेत्र में फूलगोभी और ब्रोकली जैसी फसलें उगाकर अपनी सालाना औसत आय में अब एक से डेढ़ लाख की वृद्धि की है।
ज़िला परियोजना प्रबंधक श्री राजेश सूद ने बताया कि ज़िले में जायका प्रोजैक्ट के तहत् कई विकासात्मक कार्य किए गए हैं और कृषि क्षेत्र में किसानों को जब प्रशिक्षण दिया गया तो उनकी आय में अत्यधिक बढ़ौत्री हुई। जायका प्रोजैक्ट के तहत् पहले किसानों को सिंचाई की सुविधा प्रदान की गई तत्पश्चात् किसानों को प्रोत्साहित किया गया कि वे ऐसी फसलें उगाएं जिनके नगद दाम मिलें।। उन्हें फसल विविधिकरण के लिए प्रोत्साहित किया गया जिसके सकारात्मक परिणाम आज हम सबके सामने हैं।

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