जयराम सरकार कर रही बच्चों के भविष्य से खिलवाड़, घटिया स्मार्टफोन नहीं लैपटॉप ही दे बच्चों को सरकार वरना होगा आंदोलन और चुनावों में होगी वोटों की दरकार
मजाक बनाकर रख दिया है लैपटॉप स्कीम को
ठाकुर जयराम सरकार, कर रही बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
सरकार ने पूर्व में स्कूली बच्चों को मुफ्त लैपटॉप देने की योजना जो बनाई थी वह अब अधर में लटकी हुई नजर आ रही है .
समाचारों के अनुसार 2020 -21 बैच के विद्यार्थियों को अब लैपटॉप की जगह सस्ते स्मार्टफोन दिए जाएंगे जो कि स्कूली बच्चों के साथ एक भद्दा मजाक है.
अगर सरकार बच्चों को पहले की तरह मुफ्त लैपटॉप मुहैया करवाती है तो इससे बच्चों को काफी लाभ होगा.
यह लैपटॉप उनके स्वर्णिम भविष्य में कारगर साबित होंगे लेकिन अब हिमाचल सरकार ने बच्चों को 30-40 हज़ार रुपये के लैपटॉप की जगह 6-7 हजार का घटिया स्मार्टफोन देने की जो योजना बनाई है उससे बच्चों के दिल टूट गए हैं, उन्हें ठेस पहुंची है, उनमें मायूसी छाई हुई है.
स्मार्टफोन तो घर में सब के पास हैं लेकिन लैपटॉप हर किसी के पास नहीं होता .
इस बार भी बच्चों ने लैपटॉप की आशा लगाई थी लेकिन सरकार उल्टा उन्हें मोबाइल फोन थमा कर अपने योजना का सर्वनाश करने पर तुली हुई है. सरकार को बच्चे बददुआएं दे रहे हैं। वे कह रहे हैं कि इस बार ठाकुर जयराम सरकार को उनके दुखी दिल की हाय लगेगी।
लैपटॉप से बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है जबकि स्मार्टफोन बच्चों का स्वास्थ्य भी खराब कर रहे हैं, उनका दिमाग भी और उन्हें गलत दिशा की ओर ले जा रहे हैं ।
आखिर सरकार चाहती क्या है ? सभी बच्चों ने और उनके माता-पिता ने सरकार से आग्रह किया है कि सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें और बच्चों को मोबाइल की जगह लैपटॉप ही उपलब्ध करवाएं ताकि उनका बौद्धिक विकास भी हो सके और यह लैपटॉप उनके भविष्य निर्माण में कारगर साबित हो।
अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो उसे इसके विपरीत परिणाम भुगतने पड़ेंगे आने वाले चुनावों में ।
सरकार अपने खर्चे तो कम कर नहीं रही और कटौती कर रही है तो मासूम बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं में।
अगर समय रहते सरकार ने अपना निर्णय नहीं बदला तो स्कूली बच्चे व उनके माता-पिता जोरदार तरीके से अपना विरोध दर्ज करवाएंगे ।
सभी लोगों का मानना है कि सरकार अपने निर्णय पर गहराई से पुनर्विचार करें ताकि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ना हो और उनके मन में सरकार के प्रति घृणा के भाव उत्पन्न ना हो ।
सरकार को चाहिए कि अपने खर्चों में कटौती करें ना कि बच्चों को दिए जाने वाले लैपटॉप को घटिया स्मार्टफोन में बदल कर.