न्यू धौलाधार पब्लिक स्कूल पालमपुर खलेट में धूमधाम से मनाया गया जन्माष्टमी का त्यौहार, डायरेक्टर वरुण शर्मा ने भगवान श्री कृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेने का दिया संदेश
न्यू धौलाधार पब्लिक स्कूल खलेट (पालमपुर) में जन्माष्टमी का पावन पर्व धार्मिक हर्षोल्लास एवं पूर्ण श्रद्धा के साथ मनाया गया।
इस शुभावसर पर भगवान कृष्ण की लीलाओं का गुणगान किया गया जिसमें स्कूल की माननीय चेयरमैन श्रीमती प्रवीण शर्मा, डायरेक्टर श्री वरुण शर्मा, प्रिंसीपल श्रीमती मोनिका शर्मा, अध्यापकगणों, समस्त विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवा कर समारोह को अविस्मरणीय बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी।
बच्चों ने रंगबिरंगी पोशाकों में राधा-कृष्ण की भूमिका को चार चांद लगा दिए।
भगवान कृष्ण की तरह बांसुरी वादन कर बच्चों ने बहुत अच्छा समा बांधा जिसकी सभी ने मुक्त कण्ठ से भूरि-भूरि प्रशंसा की।
विद्यार्थियों ने नृत्य प्रस्तुत कर माहौल को यादगार बना दिया।
बच्चों को स्कूल द्वारा इतना बढ़िया प्रशिक्षित किया गया था मानो राधा-कृष्ण व गोपियाँ साक्षात उपस्थित हों।
इस अवसर पर डायरेक्टर श्री वरुण शर्मा ने भगवान कृष्ण, राधा मैया, उद्धव-गोपी संवाद पर खुल कर प्रकाश डाला।
उन्होंने भगवान कृष्ण के जीवन वृत्तान्त को प्रस्तुत करते हुए कहा कि किस तरह भगवान कृष्ण का पूरा जीवन अर्थात जन्म लेने के समय से ही कितना संघर्षपूर्ण रहा। किस तरह से भगवान कृष्ण के सभी भाई-बहनों को दुष्ट कंस ने पैदा होते ही कितनी बेरहमी से उनके माता-पिता की आंखों के सामने मार डाला। लेकिन भगवान कृष्ण ने हमेशा सच का साथ देते हुए दुष्टों का संहार किया और मासूमों को अत्याचार से बचाया।
श्री वरुण शर्मा ने कहा कि भगवान कृष्ण ने हमें सिखाया की अत्याचार, दुराचार और अन्याय के खिलाफ कभी सिर नहीं झुकाना चाहिए बल्कि उसका पूरी हिम्मत से डट कर मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने यह भी शिक्षा दी कि खामोश रह कर अत्याचार के सामने घुटने टेकने का मतलब होता है अत्याचार को और अधिक बढ़ावा देना और बुराई के खिलाफ आवाज़ न उठाने वाला भी उतना ही अधिक दोषी और अपराधी होता है।
उन्होंने कहा कि मानव जीवन में भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं और उनकी बहादुरी के किस्से विशेष महत्व रखते हैं जिनसे प्रेरित होकर हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें भगवान श्री कृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेकर अत्याचार को मिटाने का जी-जान से प्रयास करना चाहिए और दुष्टों का विनाश करने से कभी पीछे नहीं रहना चाहिए क्योंकि भगवान कृष्ण का पूरा जीवन भले ही कष्टों से भरा पड़ा था लेकिन उन्होंने बुराई और अत्याचार का पूरी हिम्मत से सामना किया और एक हंसते-खेलते अत्याचार मुक्त भारत का निर्माण करने में सफलता हासिल की।
कुल मिलाकर यह कार्यक्रम अत्यन्त उत्साहवर्धक, प्रेरणादायक और सकारात्मक सिद्ध हुआ।
सभी भगवान श्री कृष्ण के जीवन से अत्यन्त प्रभावित हुए।
अन्त में डायरेक्टर श्री वरुण शर्मा ने कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु सभी का दिल की गहराईयों से धन्यवाद किया।