आईने ने सच कह दिया तो झल्ला गए दोस्त : कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल

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मैं वह सच हूं जिसे तुम सुन नहीं सकते,
तुम झूठे हो सच्चे हो, यह चुन नहीं सकते,
दिल में बद दुआएं पर मुस्काते रहते हो,
आईना क्या दिखाए-छुपाए, चुन नहीं सकते।

चेहरे पे तिल उग गया तिलमिला गए दोस्त,
खूब की लीपापोती पर झिलमिला गए दोस्त,
तुमकब तक छुपाते रहोगे अपने इस तिल को,
आईने ने सच कह दिया तो झल्ला गए दोस्त।

तोड़ दो मुझे तब भी मैं सच ही कहूंगा,
फेंक दो कहीं तब भी बस यही कहूंगा,
झूठ फरेब की दुनिया छोड़ तू जसवंत,
आईना हूं मैं सच को हां सच ही कहूंगा।

कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल कलोल बिलासपुर हिमाचल।

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