उच्चाधिकारियों द्वारा विगत नायव तहसीलदारों की गलत पदोन्नति को दबाने के चक्कर में पदोन्नति से वंचित कानूनगो नहीं बन पाये नायव तहसीलदार
58 साल की उम्र तक अपनी सराहनीय सेवाएं देने ओर आशा की यह किरण लेकर की हम भी तहसीलदार के पद से सेवानिवृत्त होंगे । सपना धरा का धरा रह गया । यह विचार आज पटवारी ,कानूनगो की सेवानिवृत्ति समारोह में भाग लेने पहुँचे पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार के साथ राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने व्यक्त किये।
इन कर्मचारियों ने पूर्व विधायक को बताया कि उच्चाधिकारियो के मनमाने ढंग से पदोन्नति के मामले को चुनौती देते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने गलत ठहराया है।
इन कर्मचारियों का कहना है कि बावजूद इसके इन अधिकारियों की दादागिरी के चलते इन्होंने न माननीय न्यायालय के आदेश माने ओर न ही नये पदोन्नति आदेश जारी किये। हालांकि पदोन्नति से वंचित कानगो के हक में दिये माननीय न्यायालय के फैसले को इन्ही अधिकारियों ने जानबूझकर ला सैक्रटरी की राय के लिए भेज दिया । वहाँ से भी टिपण्णी इनके हक में आई । इन कर्मचारियों का बेहद मलाल है कि अन्य की पदोन्नति को लेकर जो मर्जी विवाद हो लेकिन 1991 से 1997 के वीच पटवारी से बने कानगो की नायब तहसीलदार की पदोन्नति के लिए किसी प्रकार का कोई गतिरोध नहीं था ।
इन कर्मचारियों ने पूर्व विधायक के माध्यम से राजस्व मन्त्री ठाकुर मोहिन्द्र सिंह से आग्रह किया है कि पदोन्नति को लेकर जो इनके साथ अन्याय हुआ है पिछली तारीख से भरपाई करते हुए इन्हें पदोन्नति से लाभान्वित किया जाए ।
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