93 वर्षीय श्रीमती कमला सूद जी का निधन, शनि सेवा सदन परम सेवक अजय सूद तथा विजय सूद जी की माता थीं श्रीमती कमला सूद

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PALAMPUR

RAJESH SURYAVANSHI
शनि सेवा सदन परम सेवक अजय सूद तथा विजय सूद जी की माता श्रीमती कमला सूद जी का आज 93 साल में निधन हो गया।
श्रीमती कमला सूट शनि सेवा सदन की पिछले 15 सालों से नियमित सदस्या थी उनके पुत्र अजयसूद और विजय सूद भी शनि सेवा सदन के नियमित सेवक के रूप में कार्य करते रहते हैं।
श्रीमती कमला सूद पिछले 10 सालों से बीमार थी उसके बावजूद भी वह भाटिया जी को फोन करके बताती थी कि इस शनिवार को उनकी तरफ से क्या सेवा लगानी है.। कभी वह खीर की सेवा लगातीं थीं कभी वह मटर पनीर की सेवा लगातीं थीं और कभी वह मीठे चावलों की सेवा लगातीं थीं।
उन्हें हर शनिवार का इंतजार रहता था कि आज क्या सेवा करनी है परंतु विडंबना देखिए की 10 साल तक बीमार रहने के बावजूद भी अंतिम शनिवार के दिन भी उन्होंने अपनी ओर से लंगर में सेवा लगाई। उनके बड़े पुत्र अजय सूद जो मर्चेंट नेवी में बहुत अच्छी नौकरी कर रहे थे माता जी के अकस्मात बीमार हो जाने से नौकरी छोड़कर उनकी सेवा में जुट गए। भाटिया जी ने बताया कि वह अपने घर के गेट से बाहर बहुत कम निकलते थे और जब भी वह घर से बाहर निकलते थे अपनी माता जी के सिरहाने पर किसी न किसी को छोड़कर आते थे ताकि उन्हें कभी भी अकेला महसूस ना हो, वह खुद को असहाय महसूस ना करें.उनकी पत्नी तथा उनके छोटे भाई तथा बहू भी उनकी जी जान से सेवा की। यह परिवार अपनी माता के प्रति इतना समर्पित था कि उन्होंने 10 वर्षों में 10 मिनट के लिए भी अपनी माताजी को अकेले नहीं छोड़ा और उनकी भरपूर सेवा की। जो इलाज हो सकता था वह करवाया उनकी हर इच्छा को पूरी करने की कोशिश की। अजय कुमार जी के बारे में कहा जाए तो वह इस युग के श्रवण कुमार है जिन्होंने अपनी माताश्री के लिए अपनी बहुत अच्छी नौकरी तक छोड़ दी।उन्होंने कहा कि अगर मैं नौकरी भी करता रहता और उनकी सेवा के लिए एक नौकर या नौकरानी रख देता तो भी चल सकता था लेकिन उनके दिल को तसल्ली नहीं होनी थीं। उन्होंने आर्थिक नुकसान अवश्य उठाया लेकिन पुण्य बहुत कमाया। आज के युग में ऐसे श्रवण कुमार बहुत कम मिलते हैं वरना जितनी तनख्वाह वे ले रहे थे उसमें माता की सेवा के लिए दो नहीं चार नौकर भी रख सकते थे.परंतु उनकी माता के प्रति सेवा समर्पण और त्याग देखते ही बनता है।आज के युग में ऐसा इंसान बिरला ही होगा जो अपनी अच्छी खासी नौकरी को छोड़कर मां की सेवा के लिए घर पर बैठ जाए जबकि उसे बेटे के पास नौकर चाकर रखने की हैसियत थी। अच्छे से अच्छे अटेंडेंस या नर्स को रख सकते थे. परंतु उन्होंने किसी पर विश्वास नहीं केवल अपने कर्मों पर अपने दिल और दिमाग पर विश्वास किया।
हम ऐसे सुपुत्र को नमन करते हैं शायद यह संसार कुछ इन्हीं किरदारों की वजह से अभी तक बचा हुआ है।
शनि सेवा सदन के सभी सदस्य इस परिवार की दुख की घड़ी में उनके साथ है हम सभी लोग श्रीमती कमला सूद जी को हमेशा याद करते रहेंगे उनकी सेवाओं को दिल में बिठाकर रखेंगे तथा उनकी आत्मिक शांति के लिए हमेशा प्रार्थना करते रहेगें.
🌹जय श्री कृष्णा🌹
🌹जय शनि देव🌹

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