अपनी नई पुस्तक “नदी को बहने दो” रोटरी प्रधान श्री विकास वासुदेव को भेंट करते हुए श्रीमती कमलेश सूद जी।
आज शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य पर पूर्व सहायक निदेशक शिक्षा विभाग एवं शिक्षाविद भरत सूद , विशेष अतिथि रोटरी जिला 3070 के पूर्व गवर्नर सुनील नागपाल ने रोटरी अध्यक्ष विकास वासुदेवा, सचिव नितिका जम्वाल व अन्य रोटरी सदस्यो की उपस्थिति में रोटरी भवन पालमपुर में महान शिक्षाविद, साहित्यकार, कवयित्री, प्रख्यात लेखिका श्रीमती कमलेश सूद को सम्मानित किया गया।
उल्लेखनीय है कि श्रीमती कमलेश सूद का जन्म 2 अक्टूबर 1950 में पालमपुर में पिताजी स्व० श्री बद्रीप्रसाद जी व माताजी स्व० श्रीमती कैलाशपति सूद जी के घर हुआ।
उन्हें प्रसिद्ध समाजसेवी स्व. डॉ. विनोद कुमार सूद जी की धर्मपत्नी होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
श्रीमती कमलेश सूद ने 32 वर्षों तक अध्यापन कार्य किया केंद्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली में।
पालमपुर केंद्रीय विद्यालय में मुख्याध्यापिका रहीं।
उनकी रचनाओं का कई समाचार पत्र एवं पत्रिकाओं में प्रकाशन हो चुका है।
श्रीमती कमलेश सूद आकाशवाणी से कविता पाठ, पुस्तक परिचर्चा में अक्सर सुर्खियों में बनी रहती हैं।
उन्हें लेखन में बचपन से ही रुचि रही जैसे “पिताजी का गुण बेटी में* विद्यालय पत्रिकाओं का संचालन संपादन, प्रत्येक वर्ष “हिंदी दिवस” पर सम्मान, रोटरी क्लब द्वारा अनेकों बार सम्मान, इंटरस्कूल क्लब द्वारा अध्यापन एवं लेखन की उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित, सामाजिक कार्यों एवं अन्य कार्यों में सहभागिता एवं सहकारिता उनके जीवन के अभिन्न अंग रहे हैं।
इसके अतिरिक्त बाल आश्रम (हॉस्टल), हिमाचल प्रदेश में जीवन यापन कर रहे बालकों एवं बालिकाओं की भावनात्मक, रचनात्मक एवं सामाजिक सहायता, अपने परिवार के जन्मदिन एवं मुख्य त्योहार उनके साथ मनाना। रेकी मास्टर डिग्री, त्रिकर्जा शक्ति, त्रिनिटी थ्री डी द्वारा समाज सेवा। अखिल भारतीय संस्थान द्वारा प्रयागराज में मानद उपाधि से सम्मानित, अंतरराष्ट्रीय संस्थान द्वारा प्रयागराज में “जगद्गुरु शंकराचार्य ” जी द्वारा अलंकृत एवं सम्मानित हुईं।
प्रयागराज में कवि सम्मेलन में कविताओं का प्रशंसनीय वाचन, अनेक कवि-गोष्ठियों व कवि सम्मेलनों में प्रशंसनीय वाचन, वृंदावन में राष्ट्रीय कवि संगम के सप्तम् राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रशंसनीय कविता वाचन एवं सम्मान।
हिमाचल प्रदेश की भाषा एवं संस्कृति विभाग की पत्रिका में पुस्तक “उगता सूरज अर्श की ओर” की समीक्षा प्रसिद्ध समाचार-पत्रों एवं पुस्तकों में छपी हुई पुस्तकों की प्रशंसनीय समीक्षा, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित पुस्तक “काव्य मंजरी” में कविताओं का छपना एवं पुरस्कृत राशि द्वारा सम्मानित “बसंत सा खिलखिलाते रहना” पुस्तक का अमेरिका में प्रमोशन एवं सम्मान उनकी उपलब्धियों का अटूट हिस्सा हैं।
काव्य संग्रह : आखिर कब तक (काव्य-संग्रह), बसंत सा खिलखिलाते रहना (काव्य-संग्रह), हवाओं के रुख मोड़ दो (क्षणिका-संग्रह) छू लेने दो आकाश को (क्षणिका-संग्रह), रिश्तो की डोरी (क्षणिका-संग्रह). उगता सूरज अर्श की ओर (क्षणिका-संग्रह), मेरी अधूरी कहानी (कहानी-संग्रह), कहाँ हो तुम! (लघुकथा-संग्रह) आदि अनमोल रचनाएं हैं जिनका हमें स्वाध्याय करना चाहिए।
इसके अलावा ऐसी अनेक उपलब्धियां हैं जिनका व्याख्यान करना सूर्य को दीपक दिखाने के समान है।
मेरी कलम में इतनी ताकत कहां कि उनके जीवन की बारीकियों व जीवन के अनमोल क्षणों का बखान कर सके। उनकी महानता के सम्मुख मेरी लेखनी असमर्थ है। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।
उन्हें आज तक जो भी सम्मान मिले हैं वे उनके महान व्यक्तित्व के सामने कुछ भी नहीं।
हमारी परम पिता परमात्मा से यही प्रार्थना है कि श्रीमती कमलेश सूद स्वस्थ रहें व उनकी दीर्घायु हो तथा समाजसेवा का यह क्रम यूँही चलता रहे, और आगे बढ़ता रहे। उनकी ज्ञानरूपी रोशनी से सारा समाज जगमगाता रहे।
Smt. Kamlesh Sood
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