कमलेश ठाकुर को विजेता घोषित कर चुके अब तो भाजपाई भी,
होशियार सिंह ने भाजपा के ईमानदार, कर्मठ, दिग्गज और वफ़ादार नेताओं की पीठ में घोंपा छुरा, उनकी प्रगति के रास्ते में जड़ा उम्र भर के लिए ताला, भविष्य किया बर्बाद, अब कई भाजपा नेता होशियार को सबक सिखा, बदला लेने के चक्कर में,
कमलेश ठाकुर को अब तो भाजपाई भी कर चुके विजयी घोषित
*हुन ता मुख्यमंत्री सुक्खु भी असां दे घरे आई बैठे ता हुन कैदी चिंता*
*अब तो मुख्यमंत्री ही हमारे घर आ बैठे, तो चिंता काहे की*
देहरा उपचुनाव ने देहरा वासियों को एक ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां रोज़ लोगों को मुख्यमंत्री जी के भरपूर दर्शन हो रहे हैं, उनकी कर्णप्रिय मधुर आवाज लोगों को रोमांचित कर रही है, उनके आश्वासन और वायदे लोगों को आने वाले स्वर्णिम भविष्य की ओर अग्रसर कर रहे हैं। इतना समय तो सुक्खु भाई शिमला या नादौन में भी लोगों को नहीं दे पाते जितना वह अपनी धर्मपत्नी की वजह से देहरा वासियों को दे रहे हैं और आगे भी दोनों पति-पत्नी की जोड़ी देहरा की जनता को बराबर नज़र आती रहेगी, विकास के नित नए रास्ते खुलते रहेंगे, शिक्षा-स्वास्थ्य सुविधाओं की भरमार होगी।
मुझे यह सोच कर हैरानी हो रही है कि क्या देहरा के लोगों ने यह इस दृश्य, इस समय की कल्पना कभी सपने में भी की होगी?
हमारे हिमाचल प्रदेश के दुर्लभ कसगेटरों में आज भी कई ऐसे लीग हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री की आमने-सामने शक्ल भी नहीं देखी होगी।
आज देहरा के लोगों को जिनके बारे में कहा जाता रहा कि *देहरा कोई नहीं तेरा* इतने सौभाग्यशाली हैं कि हर गांव के कोने-कोने में मुख्यमंत्री लोग उनसे खुले दिल से मिलकर अपनी समस्याएं बता रहे हैं जिनका शीघ्र समाधान करने का मुख्यमंत्री वायदा भी कर रहे हैं। और यह वायदा वादा नहीं पत्थर की लकीर साबित हो रहा है।
जैसाकि सभी जानते हैं कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू अपनी जुबान के पक्के हैं और जान जाए पर वचन न जाए कि बात पर अमल करते हैं। आसमान इधर से उधर हो जाए, लेकिन मुख्यमंत्री सुक्खू हर हालत में अपना वायदा निभाते हैं और उनकी यही अदा लोगों को पसंद आती है।
न तो वह बिना वजह किसी को छेड़ते हैं और न ही धोखेबाजों और गद्दारों को कभी छोड़ते हैं। जनता से गद्दारी करने वालों को मुख्यमंत्री सुक्खू कभी माफ नहीं करते, इसीलिए उन्होंने जनता के गद्दार, धोखेबाज़, बिकाऊ, पलटू राम और कायरों की तरह लोगों को बिना बताए, बिना पूछे मैदान छोड़ कर भागने वाले धन और सत्ता के लोभी को मतदाताओं के हाथों धूल चटा कर सज़ा देने की ठानी है।
मौके पर जाकर पता चला कि देहरा के मतदाताओं में इस बात को लेकर भारी नाराज़गी है कि पहले तो होशियार सिंह बड़ी होशियारी से भाजपा और कांग्रेस को बड़ी-बड़ी गालियां देकर उन्हें जम कर कोस कर, उन्हें खूब भला-बुरा कह कर एक आज़ाद उम्मीदवार बन कर वोटरों को धोखा देकर खुद चुनाव जीतते रहे और मज़े लूटते रहे। अब धन बल के चक्कर में पड़के ब्रीफ केसों के लालच में 14 महीने बाद ही भाग आए और जिस भाजपा को मोटी-मोटी गालियां देते थे, उनपर गंभीर आरोप लगाते थे, जिन्हें चोर और लुटेरे कह कर अपने लिए वोट मांगते थे, आज उन्हीं की गोद में छुप कर जा बैठे और लोगों की सभी आशाओं को मिट्टी में मिला दिया जिन्होंने पूरे 5 साल तक विधानसभा में अपनी आवाज़ उठाने के लिए चुनाव जितवा कर भेजा था ।
डोहग गांव से होशियार सिंह के एक करीबी एक्स सर्विसमैन के घर से 120 देसी दारू की बोतलें पकड़ी गई हैं। मतदाताओं को पैसे भी बांटे जा रहे हैं जोकि शर्म की बात है। मतदाताओं को चाहिए कि और इनके पैसे भी डकार जाएं, पैसे खाकर भी इन लोगों को वोट न दें और इसी रिश्वतखोरी को रोकें ताकि उनके क्षेत्र का भला हो सके। आज पूरे हिमाचल प्रदेश की आंखें देहरा विधानसभा क्षेत्र पर टिकी हुई हैं कि स्थानीय मतदाता सरकार में अपनी भागेदारी सुनिश्चित करने हेतु कितने अधिक मतों से कमलेश ठाकुर को जिताते हैं।