ऐसा क्या हो गया कि मंडी लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी कंगना रनौत को अभी से अपनी हार का डर सताने लगा है।
फील्ड का सर्वे करने पर ज्ञात हुआ कि लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि अभी तो फ़िल्म का ट्रेलर ही शुरू है और क्लाइमेक्स अभी से सामने आ गया। अभी तो पूरी पिक्चर बाकी है जनाब।
कंगना के मन में हार का जो डर है उस पर प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कुछ लोगों ने अपना मत व्यक्त करते हुए बताया कि एक तो कंगना जी का अधिकतर समय हिमाचल से बाहर, मुम्बई की चकाचौंध में गुजरा है। उन्हें हिमाचल और खास कर मंडी के लोगों के सुख-दुःख से कभी कोई वास्ता रहा ही नहीं। ऐसा इसलिये भी है कि उनका अपना घर भी मुंबई में ही है। उन्होंने अपना पूरा यौवन हिमाचल की वादियों से बाहर बिताया। हिमाचल तो उनके लिए मात्र सैरगाह बन कर रह गया था।
उल्लेखनीय है कि NDTV को दिए एक इंटरव्यू में कंगना ने स्पष्ट रूप से कहा था कि- ” मंडी में तो उन्हें लगता ही नहीं कि मंडी में उनका अपना घर है। मुझे तो मुम्बई में अपने घर में रहना ही पसंद है।”
लोगों का यह भी कहना है कि उन्हें पूरा यकीन है कि इलेक्शन के बाद तो कंगना जी ने मुम्बई वापिस लौट ही जाना है। हम किसके पास जाएंगे अपनी फ़रियाद लेकर, मुम्बई?
जैसाकि कई अन्य हीरो हीरोइन से राजनीतिज्ञ बने सेलेब्रिटीज़ के साथ भी यही समस्याएं आईं थीं कि वे अपनी व्यस्तताओं की वजह से अपने चुनाव क्षेत्रों से निरन्तर दूर होते गए और लोग बिना अपने सांसद के ही अपनी समस्याएं झेलते रहे। अपने चहेते सांसदों को मात्र फिल्मों में देख कर ही संतुष्ट होने को मजबूर होते रहे।
लेकिन अब मतदाता काफी सजग हो गए हैं। अपना भला-बुरा बेहतर समझते हैं। कौन उनका सुख-दुख बांटने में सक्षम होगा।
अभी हाल ही में एक मीटिंग में विधायकों और कार्यकर्ताओं से कंगना ने कहा था कि चुनाव में *मेरी नाक नहीं कटनी चाहिए।*
*नक नीं कटणी चाईंदी मेरी..
अभी हाल ही में मंडी के भ्यूली में भीमाकाली मंदिर के परिसर में मंडी संसदीय क्षेत्र में आने वाले भाजपा विधायकों की मीटिंग रखी गई थी। इस दौरान सभी विधायक यहां पहुंचे लेकिन मंडी से पूर्व भाजपा सांसद महेश्वर सिंह ने बैठक से दूरी बनाए रखी।
इस दौरान कांग्रेस के बागी और लाहौल-स्पीति विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी रवि ठाकुर को मीटिंग में पंक्ति में जगह मिली।
अगर हालाते-हाज़रा पर नज़र दौड़ाएं तो ऐसा लगता है कि कंगना को अपनी ही वर्तमान परिस्थितियां उन्हें यह सोचने पर मजबूर कर रही हैं कि चुनाव में मिलने वाली हार के बाद कहीं उनकी नाक ही न कट जाए। तभी तो इसी आभास के चलते उन्हें अपनी हार के डर का एहसास अभी से सताने लगा है।
ज़ाहिर है कि एक पैराशूटी उम्मीदवार को जनता इतनी आसानी से स्वीकार नहीं कर पाएगी। लोगों ने बताया कि भाजपा ने एक बाहरी प्रत्याशी को जबरदस्ती मतदाताओं पर थोंप कर मंडी की जनता के साथ सरासर नाइंसाफी की है जिसका खामियाजा पार्टी को आगामी चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।