मुख्यमंत्री जी, आप नहीं दे पाए करुणामूलक आश्रितों को राहत Class -D में अभी भी फंसी CSK यूनिवर्सिटी पालमपुर व IPH विभाग की नियुक्तियां !*
*सरकार नहीं दे पाई करुणामूलक आश्रितों को राहत Class -D में अभी भी फंसी CSK यूनिवर्सिटी पालमपुर व IPH विभाग की नियुक्तियां !*
करुणामूलक संघ को शिमला के कालीबाड़ी मंदिर के समीप एक व वर्षा शालिका मे भूख हड़ताल पर बैठे हुए 431 दिन हो गए और निरंतर यह धरना इसी प्रकार चला हुआ है ! बता दे ये धरना प्रदेश ब देश का सबसे बड़ा धरना है !
करुणामूलक संघ के मुख्य सलाहकार शशि पाल का कहना है कि सरकार अपने द्वारा बनाई गई 07/03/2019 की पॉलिसी के तहत भी Class -D मे विभागों ब यूनिवर्सिटी में नौकरी नहीं दे पाई ! जो सरकार की नाकामी को दर्शाती है ! जबकि आश्रित अभी भी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं *CSK यूनिवर्सिटी पालमपुर में पात्रता के आधार पर लगभग 40 केस पेंडिंग पड़े हैं जोकि अभी भी नौकरी का इंतजार कर रहे हैं ब जल शक्ति विभाग में 372 केस पेंडिंग पड़े हैं !*
मुख्य सलाहकार ब मीडिया प्रभारी गगन कुमार का कहना है कि *आगामी कैबिनेट में यह मुद्दा लाया जाए* और इन आश्रितो को भी class -D मे नियुक्तियां दी जाएं क्योंकि यह आश्रित भी सरकार द्वारा बनाएगी पॉलिसी के अंतर्गत आते हैं इनके साथ भेदभाव क्यों !
सरकार ने कुछ विभागों मे 2022 के केसों को भी नियुक्तियां दे दी ! और कई विभागों में 2001 के केस पात्रता के आधार पर पेंडिंग पड़े हैं ! यह सरकार का कैसा न्याय है !अधिसूचना होने के पश्चात यह आश्रित परिवारों सहित 15 बार मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं लेकिन आश्वासन ही इन आश्रितों को दिया जा रहा ! क्या इन दोनों विभागों के आश्रितों ने अपने परिवार का सदस्य नहीं खोया इनके साथ भेदभाव क्यों !
करुणामूलक संघ को क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हुए 431 दिन हो गए ना सरकार 62500 प्रति व्यक्ति आय की शर्त को हटा सकी ! ना ही सरकार ने रिजेक्ट केसो को कंसीडर किया !
सरकार करुणामूलक आधार पर class -C मे भी कोई फैसला नहीं ले पाई ! आश्रितों का कहना है कि हम घर लौटेंगे तो करुणामूलक नौकरी के साथ ही लौटेंगे !
*मुख्य मांगे :-*
1) समस्त विभागों, बोर्डों,यूनिवर्सिटी ब निगमों में लंबित पड़े क्लास-D के करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नोकरियों के केसों छठे वेतन आयोग को आय सीमा में न जोड़कर जो *7/03/2019* की पॉलिसी मे आ रहे हैं उनको वन टाइम सेटलमेंट के तेहत सभी को एक साथ नियुक्तियाँ दी जाएं |
2) पॉलिसी में संशोधन किया जाए व 62500 एक सदस्य सालाना शर्त हटाई जाए ब रिजेक्ट केसो को कंसीडर किया जाए |