वोट से चोट : करुणामूलक संघ उसी को करेगा समर्थन जो बिना किसी शर्त से करेगा करुणामूलक नौकरिया बहाल

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RAJESH SURYAVANSHI
Editor-in-Chief, HR MEDIA GROUP, 9418130904, 8988539600

*करुणामूलक संघ उसी को करेगा समर्थन जो बिना किसी शर्त से करेगा करुणामूलक नौकरिया बहाल!

वोट से चोट*

करुणामूलक संघ के मीडिया प्रभारी गगन कुमार ब मुख्य सलाहकार शशि पाल का कहना है कि गत वर्ष जयराम सरकार के कार्यकाल में करुणामूलक संघ द्वारा 432 दिनो का राजधानी शिमला में देश और प्रदेश का सबसे बड़ा आंदोलन व क्रमिक अनशन हुआ
जिसमें संघ द्वारा करुणामूलक नौकरी बहाली के लिये और अपने हक के लिए परिवारो सहित राजधानी शिमला मैं 432 दिन डटे रहे इसके बीच उन्होंने कई रैलिया जिला स्तर पर भी की ।


करुणामूलक संघ के मीडिया प्रभारी मुख्य सलाहकार का कहना है कि कि प्रदेश सरकार अपने द्वारा बनाई गई 2019 की पॉलिसी को भी इंप्लीमेंट नहीं कर पाई !
प्रदेश सरकार ने जल शक्ति विभाग CSK यूनिवर्सिटी पालमपुर ब कई अन्य विभागों के पात्र आश्रितों को भी class-d में अपने द्वारा बनाई गई 07/03/2019 की पॉलिसी के तहत भी नौकरी नहीं दे पाई क्या इन लोगों ने अपने परिवार का सदस्य नहीं खोया!

सरकार द्वारा कुछ चुनिंदा विभागों में 2022 के केसों को भी नियुक्तियां दे दी गई ! और कुछ विभागों में 1988 के केस पेंडिंग पड़े हैं ! सरकार द्वारा करुणामूलक आश्रितों के साथ भेदभाव किया गया!


*लोक निर्माण विभाग खुद मुख्यमंत्री के अधीन था तो इस विभाग में 2022 के केसो को भी नियुक्तियां दे दी गई ! जबकि अन्य विभागों के पात्र* *आश्रित नौकरी का ही इंतजार करते रहे पॉलिसी में रहकर भी !*


सरकार द्वारा कुछ विभागों के केसो को शिफ्ट करके अपने चहेतों को नौकरियां दी गई ! इसे साफ जाहिर होता है अपने चहेतों को नौकरियां देने में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी !
करुणामूलक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि अभी भी करुणामूलक परिवारों ने हार नहीं मानी है और उन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि यह सभी परिवार उसी को ही वोट देंगे ! जो बिना किसी आय शर्त से करुणामूलक नौकरियों बहाल करेंगी अन्यथा यह सभी आश्रित अपने स्तर पर वोट फॉर करुणामूलक अभियान चुनावों में परिवार व रिश्तेदारों के साथ चला कर वोट से चोट करेंगे के लिये तैयार है !
वोट फॉर करुणामूलक आश्रित

मुख्य मांगे -:

1.) 62500 प्रति व्यक्ति आय शर्त को रिमूव किया जाए !
2.) बिना किसी शर्त से करुणामूलक नौकरी बहाल की जाए !
3. ) रिजेक्ट केसों को कंसीडर किया जाए !

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