केजरीवाल हमें जीने नहीं देती है याद तेरी, सपने में भी झाड़ू लेकर डराते हो : हिमाचली राजनीतिज्ञ

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PALAMPUR
SANSAR SHARMA

Chief Correspondent

आजकल हिमाचल प्रदेश भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी  के नेताओं में केजरीवाल का भूत सिर चढ़कर बोल रहा है.
कुछ पॉलीटिशियंस का तो यह हाल है कि उन्हें रात को ना तो नींद आती है और ना दिन में चैन आता है, जब भी वह सोने लगते हैं तो सपने में केजरीवाल झाड़ू लेकर उनके पीछे दौड़ा होता है और वह मारे डर के यहां-वहां भागने को मजबूर हो जाते हैं।

जब से आम आदमी पार्टी के संस्थापक व दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पंजाब पर विजय हासिल की है तब से हिमाचल की राजनीति में एक भूचाल सा आ गया है ।

जब अरविंद केजरीवाल ने मंडी में महा रैली आयोजित की तो सभी राजनीतिक दलों के छक्के छूट गए।

यह बात सत्य है कि आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनूप केसरी जोकि पिछले काफी समय से भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में थे अचानक आम आदमी पार्टी से पल्ला झाड़ कर भाजपा की गोदी में चले गए अपनी तरफ से तो अनूप केसरी ने बहुत समझदारी दिखाई क्योंकि उसी दिन उसे पार्टी से निष्कासित किया जाना था क्योंकि उनकी बेहुदगी और ओछी हरकतों के कारण पार्टी बदनाम हो रही थी और ऐसी स्थिति में प्रदेशाध्यक्ष को बदला जाना अत्यंत आवश्यक हो गया था।

रात को 12:00 बजे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इमरजेंसी मीटिंग करके अनूप केसरी को भाजपा में शामिल कर लिया।

जो काम केजरीवाल एक दिन बात करना चाहते थे वह भाजपा ने ही कर दिया अरविंद केजरीवाल के रास्ते को के कांटे को निकालकर भाजपा ने खुद ही फेंक दिया तथा आम आदमी पार्टी की राह आसान कर दी।

कहने को तो भारतीय जनता पार्टी कह रही है कि उन्होंने अनूप केसरी को अपने पाले में लेकर छक्का मार दिया जबकि हुआ उसके उलट, छक्का तो अपने आप अरविंद केजरीवाल का लग गया और बीजेपी तो ऑल आउट होकर रह गई ।

अनूप केसरी को अपनी पार्टी में शामिल करके भारतीय जनता पार्टी ने अपने लिए मुसीबत मोल ले ली क्योंकि किसी दागी व्यक्ति को पार्टी में शामिल करके पार्टी स्वयं भी दागी साबित हो गई।

मंडी की रैली में अरविंद केजरीवाल ने एक बहुत बड़ी भीड़ जुटाई, लोगों का समर्थन भी मिला लेकिन जितना प्रचार वह स्वयं पार्टी का नहीं कर सके उससे कहीं अधिक पब्लिसिटी आम आदमी पार्टी की भाजपा और कांग्रेसी नेताओं ने ही कर दी जगह जगह पर आम आदमी पार्टी के बारे में समाचार छपने लगे और इस तरह से केजरीवाल को बिना चाहे ही इतनी पब्लिसिटी प्राप्त हो गई कि केजरीवाल का खौफ अब सपने में भी भाजपा और कांग्रेस के नेताओं को डराने लगा है।

हो भी क्यों न, अरविंद केजरीवाल जहां भी जाते हैं अच्छी तरह से झाड़ू मार के आते हैं, यानी पूरी गंदगी एर्क बार में साफ।

दिल्ली में भी राजनीतिक दल यही कहते रहे कि अरविंद केजरीवाल तो बाहर का आदमी है उसे कहां सीटें मिलेंगी, एक  या सीटें मिल जाए तो गनीमत है लेकिन वहां भी उन्होंने अच्छी तरह से झाड़ू लगाई।

उसके बाद पंजाब की बारी । आई भी उनके विरोधी बोलते रहे कि आम आदमी पार्टी तो कंपटीशन में ही नहीं है अगर ले गई तो दो-तीन सीटों से ज्यादा नहीं ले जाएगी लेकिन वहां भी केजरीवाल ने जमकर झाड़ू लगाई।

अब हिमाचल में भी विपक्षी दल या भाजपा या कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि अरविंद तो बाहर का आदमी है हम तो हिमाचल के हैं, हम ही हिमाचल व हिमाचल वासियों का हित सोच सकते हैं। अरविंद केजरीवाल का हमारे साथ कोई मुकाबला नहीं है अगर वह ले भी गया तो दो-तीन सीटों से ज्यादा नहीं ले जाएगा लेकिन लगता है कि हिमाचल में पंजाब वाली स्थिति उत्पन्न होने वाली है क्योंकि हिमाचल की जनता भाजपा और कांग्रेस दोनों से ऊब चुकी है ।

यह नाटक कई वर्षों से चलता रहा है। दोनों ने अपनी-अपनी बारी लगाई हुई है । भाजपा सत्ता में आती है तो वह कांग्रेस को प्रोटेक्ट करती है, कांग्रेस सत्ता में आती है तो वह भाजपा के भ्रष्ट नेताओं को प्रोटेक्ट करती है, उन्हें बचाती है, उनकी करतूतों पर पर्दा डालती है ।

यह आपकी डैमेज कंट्रोल दोनों ही पार्टियां मिलकर करती हैं और जनता को बार-बार बेवकूफ बनाती हैं।

अब जनता भलीभांति समझ चुकी है। कांग्रेस पार्टी के कुछ मंत्रियों ने भी जमकर भ्रष्टाचार किए थे, खूब फ्लैट खरीदे, बेनामी जमीनें खरीदी खूब कैश कमाया और यही काम वर्तमान सरकार के कई मंत्रियों ने भी किया है। यहां तक कि उन्हें उनके पद से हटाना भी बड़ा, बदनामी भी हुई , अब जनता का मानना है कि वह अब तीसरे विकल्प को मौका देना चाहते हैं और वह तीसरा विकल्प आम आदमी पार्टी के सिवाय और कोई हो ही नहीं सकता ।

हर 10 में से 9 लोगों का यह मानना है कि हम चेंज चाहते हैं, बदलाव चाहते हैं , यही कारण है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों के नेताओं की नींद हराम हुई पड़ी है। अब यह आने वाला समय ही बताएगा कि अरविंद केजरीवाल किस हद तक हिमाचल में सफल हो पाते हैं।

फिलहाल तो हालात यह हैं कि कई बड़े-बड़े नेता अरविंद केजरीवाल से भयभीत होकर ईश्वर के सामने बार-बार यही प्रार्थना कर रहे हैं कि उन्हें केजरीवाल से बचा लो हवन यज्ञ का दौर भी जारी है.

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