अनूप केसरी को गोद लेकर भाजपा ने आम आदमी पार्टी की राह बनाई आसान, हिमाचल आम आदमी पार्टी के मुख्य गद्दार अनूप केसरी ने एक दिन पहले ही निष्कासन के डर से स्वार्थहित साधने हेतु भाजपा के पैरों में रख दिया अपना सिर

काफी समय से कर रहा था भीतरघात, भाजपा के साथ मिलकर

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ADITYA GHOGHRA

हिमाचल आम आदमी पार्टी के मुख्य गद्दार अनूप केसरी ने एक दिन पहले ही निष्कासन के डर से स्वार्थहित साधने हेतु भाजपा के पैरों में रख दिया अपना सिर

पिछले चार पांच दिनों से अखवारों में एक अज़ीब सा समाचार सुर्खियों में छप रहा है। केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भाजपा अध्यक्ष श्री नड्डा जी के आवास पर आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष और उनके साथ तीन दिग्गज नेताओं को रात के 12 बजे भाजपा में मिलाया।

*आम आदमी पार्टी में बौखलाहट

*अनुराग ठाकुर ने मारा छक्का।

आम आदमी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि आप (AAM AADMI PARTY) में उनकी पूछ नहीं हो रही थी और उन्हें पार्टी की गतिविधियों से दूर रखा जा रहा था।
ANURAG THAKUR ने छक्का नहीं मारा परन्तु छक्कों को भाजपा में मिलाया।

आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में खुशी और उत्साह की लहर देखने को मिली। पार्टी जिसे निष्कासित करने जा रही थी उसका उसे पता था।

माननीय केजरीवाल जी और भगवन्त मान  के रोड शो में केसरी जी इसलिए नहीं आए क्योंकि उन्हें ये आभास था कि रोड शो के ठीक बाद कार्यकर्ता उनकी हालत खराब कर दे गएज़। केसरी जी, कार्यकर्ताओं को बुलाने का काम आपका था। आप को पार्टी ने स्टेट की बागडोर दी थी। लोग आपने इकट्ठा करने थे। आप कहते फिर रहे हैं कुछ और ही।

आपके दिल और दिमाग में तो रोड शो को फेल करवाने की साजिश चल रही थी जिसका कार्यकर्ताओं को पता चल गया था। सच कहूं तो भाजपा को पता चल चुका था कि रोड शो में एक अभूतपूर्व जनसैलाब इकट्ठा होने जा रहा था।

आपको इसे फ्लाप करने की जिम्मेदारी दी गई थी। ये जो आपके दोस्त एक चंबा वाले और दूसरे ऊना वाले हैं ये भी वही काम कर रहे थे जो आप भाजपा के कहने पर कर रहे थे।
आपने सोच कैसे लिया कि आम आदमी पार्टी को आपकी शाजिशों का पता नहीं चल सकेगा।
आप समझ रहे थे कि सकलानी जी ने जो ऑडियो हमें सुनाया, पार्टी ने उसे झूठा मान लिया।
पंजाब इलेक्शन के बीच मैं खुद पठानकोट गया था। वापिस आ कर आपसे बात की तो अपने मुझे भी यही कहा था कि मैं किसकी इजाज़त से पठानकोट गया। ये प्रोटोकॉल के अगेंस्ट है। आइंदा ऐसा न करने की सलाह आपने मुझे भी दी थी।

आपको याद होगा। आप कई दिनों से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। हमें सब पता था पर हम क्या करते। आप के आका जो आपके साथ थे। जिस दिन से आपको स्टेट कन्वीनर बनाया गया था, आपने उसी दिन से अपने आका से मिल कर भाजपा के लिए काम करना शुरू कर दिया था।

हमारी वर्षों की मेहनत को आप ने भाजपा के इशारे पर धोना शुरू कर दिया था। आप और आपके आका जिन्होंने आप को इस गरिमामय पद पर बिठाने में अहम भूमिका निभाई थी, अब तो लगता है पार्टी के संगठन को ही ख़त्म करने का प्रण लेकर आए थे।

काफ़ी हद तक आप दोनों अपनी मंशा में कामयाब हुए भी लेकिन आप भूल गए कि हम कार्यकर्ता स्वयं पार्टी में आए थे, हमें कोई ले कर नहीं आया था और हम किसी भी परिस्थिति में पार्टी नहीं छोड़ सकते। आपने हमारी अनदेखी ही नहीं की हमें लज्जित

भी किया।
आपको याद होगा जब आपने एक षडयंत्र के तहत संगठन भंग करवाया था तो पार्टी कार्यकर्ताओं में मायूसी छा गई थी। उस समय मैने एक पोस्ट डाली थी जिसे मैंने आपके पर्सनल मोबाइल नंबर पर भेजा था। उस में लिखा था:
साथियो कुछ नहीं हुआ है। हमें कोई टोपी पहनने से नहीं रोक सकता। हमें कोई भी झाड़ू के बटन को दबाने से नहीं रोक सकता। पार्टी की आम सभा में शिरकत करने से भी नहीं रोक सकता। हमारी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। एक दिन जीत हमारी होगी।
गर हाथ में जुंबिश नहीं
नजरों में तो दम है,
रहने दो ये सागर ओ मीना मेरे आगे।

विडंबना देखिए एक सबसे भ्रष्ट आदमी को एक ईमानदार पार्टी ने एक राज्य का अगुआ बनाया और उसने अपनी औकात दिखा दी।

धन्यवाद, समय रहते सब हो गया। कुछ तो सौदा हुआ होगा। कहां से टिकेट पक्का हुआ। अरे भाई वोट लोगों ने देना है, अनुराग जी या नड्डा जी नहीं देंगे। हां यदि इन दोनों में से कोई अपनी सीट छोड़ दे तो शायद बात बन जाए। ऐसा होगा नहीं।
ऐन मौके पर फिर से पलटी मार कर कांग्रेस में घर वापिसी कर सको तो ठीक रहेगा। मुंह भी दिखा सकोगे ये कह कर कि अंतरात्मा की आवाज़ सुन कर घर वापिस आ गया।
मेरी बातों का बुरा मत मानना पर ऐसा किसी और से मत करना। नुकसान तो तुम लोगों ने बहुत पहुंचाया है पर दस पंद्रह दिनों में सब ठीक हो जायेगा।
भाई सोते कैसे हो? एक मशवरा देता हूं। सोने से पहले अपनी अंतरात्मा को जगाना और सोचना आपने जो किया क्या वो किसी भी तरह से नैतिक है?
नींद नहीं आयेगी। लेकिन ये उसी को होता है जिसका अच्छे या बुरे से कोई मतलब हो। आप फिर से यही सोचेंगे की आप ने तो भाजपा से किए वादे को निभाया है।
ये केवल और केवल मेरी आवाज़ नहीं है ये तो आम आदमी पार्टी से जुड़े हुए हर वालंटियर की सच्ची आवाज़ है। ये आप को भी पता है।

राजिंद्र घोघरा अधिवक्ता पालमपुर

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