फिर फंसे के.जी.बुटेल, तानाशाही कर पालमपुर की एक प्रतिष्ठित महिला के खिलाफ पद के दुरुपयोग और मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप में कानूनी नोटिस जारी, बात- बात पर लोगों को पुलिस और कोर्ट कचहरी में घसीटने की देते हैं धमकियां
पालमपुर की माननीय अदालत में हो सकता है मुकदमा दायर


NANDA JEWELLERS
PAPROLA











के.जी. बुटेल पर एक प्रतिष्ठित महिला के साथ भेदभाव, पद के दुरुपयोग और मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप, कानूनी नोटिस जारी
पालमपुर: पालमपुर रोटरी आई फाउंडेशन के चेयरमैन के.जी. बुटेल को राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के निर्देश पर कड़ा कानूनी नोटिस जारी किया गया है।
नोटिस में बुटेल पर तानाशाही के बल पर अपने पद का दुरुपयोग करने और दी पालमपुर रोटरी आई फाउंडेशन मारंडा के आधिकारिक पत्र पर मुहर और हस्ताक्षर का उपयोग करके एक महिला का अपमान करने, उसे मानसिक प्रताड़ना देने और उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है।
आरोपों में बुटेल का तानाशाही रवैया और लैंगिक पक्षपातपूर्ण व्यवहार शामिल है, जिसे एक सार्वजनिक और चैरिटेबल संस्थान के चेयरमैन के लिए शर्मनाक और अनुपयुक्त बताया गया है।
नोटिस के अनुसार, यह हरकत व्यक्तिगत दुर्भावना से प्रेरित थी और पेशेवर नैतिकताओं के घोर उल्लंघन को दर्शाती है।
पीड़िता, राष्ट्रीय महिला आयोग के समर्थन से, बुटेल से कानून द्वारा निर्धारित अधिकतम समय सीमा के भीतर बिना शर्त माफी मांगने और सुधारात्मक कार्रवाई करने की मांग की है।
यदि बुटेल ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो पालमपुर के सिविल कोर्ट में कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
इस घटना ने व्यापक आलोचना को जन्म दिया है, जहां महिला अधिकारों के समर्थकों ने इसे लैंगिक समानता और गरिमा पर सीधा हमला बताया है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि बुटेल के इस व्यवहार ने उस संस्था की प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया है, जिसे समाज की सेवा और सम्मान के आदर्शों का पालन करना चाहिए।
लोग यह भी सवाल उठा रहे हैं कि आखिर फाउंडेशन के वरिष्ठ सदस्य इस गंभीर मामले में अब तक चुप क्यों बैठे हैं। क्या वे बुटेल के तानाशाही रवैये से भयभीत हैं, या फिर इसके पीछे कोई और कारण है जिसने उनके मुँह को सिला हुआ है? हैरानी की बात यह है कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद बुटेल अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं। कई लोग यह भी कह रहे हैं कि उम्र और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते उन्हें अब तक इस्तीफा दे देना चाहिए था।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में बुटेल के पुत्र की कथित गैंग ने एक प्रतिष्ठित व्यक्ति पर हमला कर उनकी आवाज दबाने की कोशिश की थी। हालांकि, वे इसमें असफल रहे, और पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
जनता की नजरें इस बात पर हैं कि क्या फाउंडेशन में पारदर्शिता और न्याय स्थापित होगा, या फिर ऐसे विवाद भविष्य में भी जारी रहेंगे। यह मामला अब प्रशासन और समाज के लिए एक परीक्षा बन गया है.







