सुलाह विधानसभा में न्युगल नदी की छाती चीर कर हो रहा खनन जारी, कानून का उड़ाया जा रहा भद्दा मजाक, सरकार और सरकारी तंत्र खामोश, आखिर क्यों? जनता सब जानती है कौन है असली अपराधी
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सुलाह
S.C. Sharma
आईना सच का
सुलह विधानसभा के अंतर्गत आने वाली जीवनदायनी नदी न्यूगल में अवैध खनन अनवरत रूप से बदस्तूर धड़ल्ले से हो रहा है।
सर्वविदित है कि यह पवित्र नदी सदियों से लाखों लोगों की प्यास बुझाती आ रही है, खेतों को सींच कर हमारी भूख मिटाती आ रही है लेकिन कुछ देश, प्रदेश और कानून के दुश्मन, धन के लोभी इस नदी को खोखला करने में दिन-रात जुटे हुए हैं।
दिन के उजाले में सरकार की नाक के नीचे खुले-आम हो रही है लूट – आँखे मूँदे बैठे हैं सरकारी तंत्र !
इस बड़े स्तर पर हो रही हैअनदेखी से जनता हैरान-परेशान है। जनता यह स्पष्ट रूप से जानना चाहती है कि यह सरेआम कानून का उल्लंघन आखिर किसके आशीर्वाद से हो रहा है और किस-किस को मिल रही है हिस्सा-पत्ती?
यह बात तो जगजाहिर है कि पूरा का पूरा सरकारी तंत्र आखिर किस मजबूरी के तहत आंखें मूंदे बैठा है?
बड़े दुःख और आश्चर्य की बात है कि एक तरफ़ सरकार विभिन्न पानी की योजनाओं का कार्यान्वयन कर रही है, जल जीवन मिशन के तहत हज़ारों करोड़ रुपए खर्च किये जा रहे हैं लगा वहीं दूसरी ओर अवैध रूप से खननकारी उन जल योजनाओं को तहस-नहस करने में खुलेआम लगे हुए हैं और कोई पूछने वाला नहीं। आखिर पर्दे के पीछे का सच है क्या?
क्या सरकार इस कठिन प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम है अथवा नहीं।
टैक्स पेयर्स का अरबों रुपया आखिर जा कहाँ रहा है, जनता यह जानने का पूरा हक रखती है।
इस मामले में आये दिन खनन माफ़िया के विरुद्ध अक्सर समाचार छपते हैं लेकिन न तो सरकार और न ही सरकारी तंत्र इस धांधली का संज्ञान लेने की ज़रूरत समझती है ।
इस स्थिति से स्पष्ट होता है कि पूरा सरकारी तंत्र सरकारी आकाओं के इशारे पर चल कर खनन माफियाओं के साथ मिली-भगत करके दोनों हाथों से धन लूटने में लगा हुआ है क्योंकि बिना सरकारी आकाओं की मिलीभगत के कानून का ऐसा खुलेआम उल्लंघन करने में किसी हिम्मत नहीं।
यह किस्सा पालमपुर की मात्र न्यूगल खड्ड का ही नहीं, पूरे प्रदेश में यह काला कारनामा सरेआम हो रहा है लेकिन सब जानबूझ कर कुम्भकर्णी नींद में सोने का नाटक कर रहे हैं।
अगर जल्द सरकार और सरकारी तंत्र की यह कुम्भकर्णी नींद नहीं टूटी तो जनता आंदोलन करने को मजबूर दिखाई दे रही है जिसका खामियाजा आकाओं को जल्दी भुगतना पड़ सकता है क्योंकि जनता अब ज़्यादा देर तक चुप बैठने वाली नज़र नहीं आती।
सोशल मीडिया के वर्तमान युग में जनता काफी सजग हो चुकी है तथा भले-बुरे की पहचान करना अच्छी तरह सीख गई है। सच को अधिक देर तक नहीं छुपाया जा सकेगा और जनता सरकार और माफिया के बीच के नेक्सस का पर्दाफाश करने का मूड बना चुकी है।
जल्द सरकार को इस विषय में कठोर निर्णय लेने की हिम्मत दिखानी ही होगी।