हनीट्रैप में फंसाकर चिकित्सक का किया अपहरण

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आगरा: बदन सिंह ने डॉक्टर उमाकांत गुप्ता का अपहरण पूरी तैयारी के साथ किया था। एक महीने से बदमाश की साथी युवती मंगला उर्फ संध्या डॉक्टर के संपर्क में थी। वह एक युवक को अस्पताल लेकर पहुंची थी। उसे भाई बताया था। इसके बाद से ही बदमाश रेकी कर रहे थे। डॉक्टर उमाकांत गुप्ता ने पुलिस को बताया कि एक महीने पहले अंजलि नामक युवती आई थी। उसने कहा था कि मथुरा में रहती है। उसका भाई बीमार रहता है। उसके पेट में दर्द उसे अस्पताल लेकर आई। युवक के पेट में पथरी थी। इस पर उसका पथरी का ऑपरेशन उनके बेटे ने किया था। तब से ही युवती फोन कर रही थी। उनसे पहले भाई को दवा देने के बारे में पूछने के लिए फोन किया। इसके बाद नौकरी पर लगाने को लेकर कॉल करने लगी।

चिकित्सक उमाकांत ने अस्पताल में जगह नहीं होने की बात कही। इसके बावजूद कॉल करती रही। एक दिन उनसे मिलने भी अस्पताल आई। जब भी कॉल करती थी, एक ही बात कहती थी कि उसके पति की मौत हो चुकी है। उसे रुपयों की जरूरत है। इसलिए नौकरी मांग रही है। इन्हीं बातों से प्रभावित होकर उसकी मदद करने के लिए किसी अस्पताल में नौकरी होने पर उसे बताने के लिए बोल दिया था।

पुलिस की पूछताछ में आरोपी महाराष्ट्र के गोदिया की रहने वाली मंगला पाटीदार ने बताया कि बदन सिंह के संपर्क में एक युवक के माध्यम से आई थी। दोनों के बीच बातचीत होने लगी। एक महीने पहले बदन सिंह के साथ आकर रहने लगी। वह उसे सदर के नैनाना जाट में रख रहा था। यहां पर किराये का मकान लिया था। वह अपने परिचित युवक को डॉक्टर के पास दिखाने लाई थी। तब बदन सिंह को पता चला कि डॉक्टर बात करता है। आसानी से अगवा किया जा सकता है। इसलिए अपहरण की योजना बना ली। कई बार मंगला उससे मिलने भी आई थी।

एक सप्ताह पहले युवती ने डॉक्टर को फोन किया था। कहा था कि मिलना चाहती है। खंदारी चौराहे के पास वह डॉक्टर उमाकांत से मिली। खुद को परेशान बताया। नौकरी मांगी। डॉक्टर उमाकांत के अनुसार, उन्होंने अस्पताल में जगह होने पर बताने के लिए बोल दिया। मंगलवार को भी यही बात कही। इंसानियत के नाते चले गए थे। उसने कहा कि वह अब रोहता में रहने लगी है। यहां पर उसकी सहेली का घर है। उसे वहां तक छोड़ दें। अंधेरे की वजह से उसे दिक्कत हो रही है। इसके बाद कार में आकर बैठ गई।

पुलिस की पूछताछ में डॉक्टर ने बताया कि युवती उन्हें अक्सर कॉल करती थी। वह मिस्ड कॉल देती। बार-बार कॉल आने पर वह उससे बात करते थे। वह यही दिखाती थी कि  परेशान है। उनसे बात करके अच्छा लगता है। इस कारण ही वह उस पर भरोसा कर रहे थे। शक नहीं किया।

बदमाशों ने डॉक्टर उमाकांत गुप्ता से कहा था कि हमने वीडियो बना लिया है। उसमें वह युवती के साथ नजर आ रहे हैं। अगर, बात नहीं मानी तो वीडियो को वायरल करके बदनाम कर देंगे। यह वीडियो सिर्फ कार में युवती के साथ बैठने का ही था।

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