नौरा में किशोर दिवस का आयोजन, बीएमओ Dr. नवीन राणा एवम टीम ने इस समारोह में लिया भाग
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आज दिनांक 18.1.2023 को GSSS नौरा में किशोर दिवस का आयोजन किया गया इसमें स्वास्थ खंड भवारना से आए बीएमओ Dr. नवीन राणा जी एवम टीम ने इस समारोह में भाग लिया।
सबसे पहले वाइस प्रिंसिपल जी ने स्वास्थ टीम का स्वागत एवम अभिनंदन किया।उसके बाद बच्चों ने बारी बारी से अपनी किशोरावस्था से संबंधित अपने अंदाज में प्रस्तुति दी।
इसके बाद स्वास्थ शिक्षिका श्रीमती दया देवी जी ने अपने विचार रखे उन्होंने बताया कि विद्यार्थी जीवन तपस्या का जीवन होता है।
अपना हरेक काम समय पर करें जैसे कि भोजन,सोना,जागना, पढ़ाई करना,इतियादी। बच्चों से पूछा गया कि जो नाश्ता करके नहीं आए हैं ,खड़े हो जाएं तो कुछेक बच्चे खड़े हुए। बच्चों को बताया गया कि रोज नाश्ता जरूर करें,क्योंकि शारीरिक , मानसिक कमजोरी का एक बड़ा कारण यह भी है कि हम कई घंटों तक भूखे पेट रहते हैं।10से 19साल की अवस्था को किशोरावस्था कहा जाता है इसमें लड़के , लड़कियों में शारीरिक, मानसिक, काफी बदलाब आते हैं।
स्थानीय हरी पत्तेदार सब्जियों, फलों का सेवन करें,बाहरी खाद्य पदार्थों का कम सेवन करें।कुछ भी खाने से पहले सुमन के फार्मूले के अनुसार हाथ धोएं।स्थानीय आशा द्वारा हाथ धोने का प्रैक्टिकल करके बच्चों को समझाया गया। लड़कियों को महाबारी के बारे में बताते हुए कहा गया कि साफ सफाई का खास ध्यान रखें स्कूल में पैड जलाने बाली मशीन का इस्तेमाल करते हैं तो घर में भी एक खड्डे में पैड को दबा दें।ताकि धरती को साफ सुथरा रखा जा सके हर रोज नहाएं अपने अंडरगार्मेंट धूप में सुखाएं। लड़के भी अपने घर में अपना काम अपने आप करें ब जब भी उनके घर में मां या बहन को महाबारी के दौरान दर्द का सामना करना पड़ता है तो उनको गर्म पानी की बोतल देने,थोड़ा आराम करने ,हल्की नीबू बाली चाय बनाकर देकर सहयोग करें।
इसके बाद बीएमओ भवारना Dr. नवीन राणा जी ने अपने विचार रखे उन्होंने कहा बच्चों अगर आप आज अच्छी आदतों को अपनाएंगे तो जीवन में सफलता जरूर मिलेगी।कल को आप ही अच्छी 2पोस्टों में जाकर सेवाएं देंगे।संयमित जीवन चर्या अपनाएं,अपने मां बाप ब गुरुजनों का कहना माने,उनसे अपनी बातें जरूर बताएं,नशे से दूर रहें,किसी के बहकावे में न आएं,नशे के सौदागर पहले मुफ्त में नशा करवाते हैं अगर कभी ऐसा हो तो इसकी सूचना अपने घर,अध्यापक,पुलिस को जरूर दें।इस उम्र में बच्चों में काफी बदलाब देखने को मिलते हैं जो कि सभाभिक हैं यह बदलाब हार्मोन के कारण होते हैं।लड़कियों को महामारी आना, लड़कों की आबाज़ में बदलाब, बच्चों का तनाव बढ़ना ,इस उम्र में बच्चे अपने फैसले खुद लेने लगते हैं। लेकिन बच्चों आपको आपके मां,बाप ने बड़ी मेहनत से पाला पोसा है , उन्हें जीवन का काफी अनुभव होता है ।उनकी बातें भी जरूर सुने।अपनी बातें भी जरूर बताएं। 10से 19साल तक भी अगर किसी लड़की को माहवारी नहीं आती है ,या माहवारी के दौरान असहनीय दर्द होता हो तो हॉस्पिटल जरूर दिखाएं,अपनी मर्जी से पैरासिटामोल दवाई के अतिरिक्त कुछ न लें,Dr. की सलाह से ही दवाई का इस्तेमाल करें।घर का साफ सुथरा, साधरण भोजन करें। बच्चों का उत्साह बढ़ाने के लिए उन्हें स्कैच पैन दिए गए और फल बांटे गए।इस समारोह में स्कूल के 166बच्चों ने भाग लिया।स्थानीय आशा ,श्रीमती लता देवी,श्रीमती सरेष्ठा, स्वाथ्य कार्यकर्ता श्रीमती पूजा जी,सुपरवाइजर श्रीमति किरण कटोच जी उपस्थित रही। अंत में वाइज प्रिंसिपल जी ने एक बार फिर स्वास्थ्य टीम का आभार प्रकट किया।