मेला मल सूद रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा को शिखर पर ले जाने की तमन्ना रखते हैं चेयरमैन के.जी. बुटेल

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मेला मल सूद रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा को अपने ऊर्जावान नेतृत्व से सकारात्मक दिशा की ओर उत्प्रेरित करने की पुरजोर कोशिश में तल्लीन हैं नवनियुक्त चेयरमैन

श्री के. जी. बुटेल

जैसाकि सर्वविदित है कि मेला मल सूद रोटरी आई हॉस्पिटल मारंडा के संस्थापक स्व.डॉ. शिव कुमार की विरासत को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी अब नवनियुक्त चेयरमैन श्री के जी बुटेल के कंधों पर आन पड़ी है जोकि इस बड़ी ज़िम्मेदारी को निभाने में सक्षम ही नहीं बल्कि सामर्थ्यवान भी हैं। उनमें वोह गज़ब की ऊर्जाशक्ति है जो निश्चय ही उत्तरी भारत के इस अग्रणी नेत्र चिकित्सालय को उन्नति के शिखर पर ले जाने में कारगर साबित होगी।
उन्होंने जिस समझदारी और विवेक से अपनी कुशल टीम का गठन किया है वह वास्तव में सराहनीय है तथा उनकी दूरगामी सोच को परिलक्षित करता है।
हम यहां आपको बता दें कि उनकी टीम यानि गवर्निंग बॉडी के सभी सदस्य बहुत ही चरित्रवान, अनुभवी, ईमानदार और दूरगामी सोच के स्वामी हैं जो एकमत से श्री केजी बुटेल की सोच को आगे बढ़ाने हेतु निरन्तर प्रयासरत हैं।
उनकी ऊर्जा से भरपूर पुरी टीम हर दम इसी प्रयास में, इसी सोच में क्रियाशील रहती है कि किस तरह से जनसेवा की सच्ची भावना से चलाए जा रहे इस अग्रणी अस्पताल को विकास के नए आयाम दिए जाएं। किस तरह डॉ. शिव के सपनों को और जँची उड़ान देने की दिशा में कार्य किया जाए।
इसी उद्देश्य की प्राप्ति हेतु पूरी फाउंडेशन अपना कीमती समय निकाल कर, अपने निजी जीवन, सुख-आराम को ताक पर रख कर, परिस्थितियों से समझौता कर, नियमित रूप से आवश्यक बैठकों का आयोजन कर दिन-रात कार्य कर रही है।
ऐसा नहीं है कि प्रदेश में अन्य नेत्र चिकित्सालय नहीं है अपितु जिस उच्च भावना को सर्वोपरि रखते हुए रखते हुए *नर सेवा, नारायण सेवा* के दृष्टिगत भलाई के जिस कार्य को अंजाम दिया जा रहा है वह अन्य अस्पतालों के वश की बात कदापि नहीं।
अन्य निजी अस्पतालों में मात्र मुनाफ़े को मूल आधार मान कर कार्य किया जाता है जबकि यहां मानव सेवा को तरजीह देते हुए बहुत ही कम खर्च में रोगियों का हर संभव ईलाज किया जाता है जोकि अपने-आप में एक अनुकरणीय मिसाल है।
ऐसा लगता है मानो श्री केजी बुटेल व उनके कर्मठ साथियों के प्रयासों को मूर्त रूप देने हेतु व डॉ. शिव के लगाए इस पौधे को वट वृक्ष बनाने हेतु प्रकृति भी पूर्ण रूप से सहायक है क्योंकि जिस तेजी से यह अस्पताल दीन-दुखियों की सेवा करते हुए निरंतर उन्नति की मंज़िलों को स्पर्श कर रहा है उससे स्पष्ट होता है कि ईश्वर भी *दी पालमपुर रोटरी आई फाउंडेशन* के प्रयासों में सहायक हैं, स्वयं विद्यमान हैं। क्योंकि जहां नर सेवा होती है वहां नारायण स्वयं वास करते हैं।
नवगठित गवर्निंग बॉडी ने जिस तल्लीनता, लग्न और गर्मजोशी से कार्य करना आरंभ किया है उससे यह सुखद आभास होता है कि आने वाले समय में यह हॉस्पिटल सफलता के नित नए आयामों को छूता हुआ भारत का एक प्रमुख अस्पताल बन कर उभरेगा और नेत्र रोगों से पीड़ित मरीजों के जीवन में नई आशा की किरण लेकर आएगा।
श्री केजी बुटेल के नेतृत्व में कार्यरत नई कार्यकारिणी का अस्पताल के डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ के साथ जो आपसी सामंजस्य नज़र आ रहा है वह काबिले तारीफ है। आपसी तालनेल ही मनुष्य के जीवन को सकारात्मक दिशा प्रदान करता है।
पॉज़िटिव सोच ही मनुष्य के व्यक्तित्व को ऊंचाइयों तक ले जाने में कारगर साबित होती है।
कार्यकारिणी और अस्पताल के प्रशासन में जो तालमेल है, वह अनुकरणीय है, प्रशंसनीय है।
हमारी परम पिता परमात्मा से यही दुआ है कि श्री केजी बुटेल जोकि लगभग पिछले 60 वर्षों से डॉ. शिव के अंग-संग रहे हैं वह अपनी योग्यता के बल पर नवगठित टीम के अतुलनीय सहयोग से इस अस्पताल को सफलता के शिखर पर पहुंचाने में कामयाब हों तथा *नर सेवा-नारायण सेवा* की यह पावन गंगा सदा यूं ही अनवरत रूप से बहती रहे ।

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