कृषि विश्वविद्यालय की 111 हैक्टेयर भूमि को पर्यटक गांव स्थापित करने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने पर आक्रोश चरम सीमा पर, जल्द मुख्यमंत्री को भेजेंगे ज्ञापन
चौधरी सखण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संध ने आज 30 जुलाई 2024 को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कृषि विश्वविद्यालय की 111 हैक्टेयर भूमि को पर्यटक गांव स्थापित करने के उद्देश्य से पर्यटन विभाग को हस्तांतरित करने पर प्रशासन भवन के आगे गेट मिटिंग/रैली निकाल कर गहरा रोष व्यक्त किया।
चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय गैर शिक्षक कर्मचारी संघ का कहना है कि कृषि विश्वविद्यालय की गतिविधियों को कार्यान्वित करने के लिए पर्याप्त भूमि की अवश्यकता होती है। इसी उद्देश्य से तत्कालीन हिमाचल प्रदेश सरकार ने इतनी भूमि कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए अधिग्रहण की थी। जिस समय यह भूमि सरकार ने अध्गृिहित की थी उस समय केवल एक ही कृषि महाविद्यालय था। आज कृषि विश्वविद्यालय के अर्न्तगत चार महाविद्यालय हैं व भविष्य में और भी महाविद्यालय कृषि विश्वविद्यालय के अर्न्तगत स्थापित किये जा सकते है जिसके लिए भूमि की अवश्यकता होगी। गोखतलव बात यह है कि विश्वविद्यालय की पालमपुर कैम्पस में 11 हैक्टेयर से ज्यादा भूमि पहले से ही केन्द्रीय व राज्य प्रतिष्ठानों की स्थापना हेतू हस्तांतरित की जा चुकी है व 3 हैक्टेयर से ज्यादा भूमि हेलिपोर्ट निर्माण के लिए हस्तांतरण हेतू प्रस्तावित है।
इसके अतिरिक्त कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना हेतू भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद द्वारा भूमि के बारे में मानक निर्धारित किये है। भविष्य में यदि इस कृषि विश्वविद्यालय को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना हेतू प्रस्तावना होती है तो इस विश्वविद्यालय के पास उनके मानक के अनुसार भूमि होनी चाहिए।
अतः गैर शिक्षक कर्मचारी संघ हिमाचल प्रदेश सरकार से अनुरोध करता है कि इस विषय पर तथ्यों को आधार मानकर पुर्न विचार किया जाये। इस विषय को एक उच्च स्तरीय कमेटी जिसमें भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद के अधिकारी भी सम्मिलित हों, में विचार व अनुसंशा हेतू रखा जाये ताकि उचित निर्णय हो सके।
गेटू मिटिंग में यह भी चिर्णय लिया गया कि मंच की कार्यकारिणी उप मण्डल अधिकारी (नागरिक) पालमपुर के माध्यम से अतिशीघ्र मुख्य मन्त्री महोदय, हि०५० को ज्ञापन देगी।