एलपीए 54 जजमेंट : तारीख़ पर तारीख़

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हिमाचल प्रदेश कर्मचारी संघर्ष मोर्चा वरिष्ठ सलाहकार भारत भूषण ने एलपीए 54 जो कि हजारों शिक्षकों के भविष्य के साथ जुड़ा है तारीख पर तारीख देकर इस अहम फैसले को शिमला हाई कोर्ट द्वारा टाला जा रहा है।

शिमला हाई कोर्ट पीठ की अंतिम सुनवाई में नबम्बर 2008 व 2009 से पहले बैच वाइज नियुक्त टीजीटी को नियुक्ति तिथि से नियमित करने के आदेश हिमाचल प्रदेश न्यायालय ने दिए थे । परन्तु अढ़ाई साल बाद भी पीड़ित वर्ग को कोर्ट फैसले का लाभ नही मिल पाया ।

मामला यह है कि 2008 में शिक्षा विभाग में नबम्बर महीने में टीजीटी की बैच वाइज नियुक्तियां हुई और जबकि उस समय पुराने आर एन्ड पी रुलज के हिसाब से यह नियुक्तियां नियमित होनी थी परन्तु उस समय की सरकार ने यह नियुक्तियां अनुबन्ध पर कर दी और अनुबन्ध पर रखने के आर एन्ड पी रुलज 2009 में अधिसूचित हुए ।

मोर्चा अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने वरिष्ठ सलाहकार भारत भूषण के बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि 2000 के करीब पीड़ित टीजीटी हाइ कोर्ट पर आज भी आस लगाए बैठे हैं कि तारीख पर तारीख न डाल कर सम्बंधित विभाग से उनका हक दिलवाएं ।

साथ ही कहा कि अगर सीएंडवी वर्ग के कुछ लोगों को इसी तरह के केस में लाभ मिल चुका है तो फिर टीजीटी वर्ग को यह लाभ देने में क्या दिक्कत है । लापरवाही विभाग की है परन्तु बार बार तारीख पर तारीख डाल कर मजबूर लोगों के आर्थिक व अन्य लाभों को मारा जा रहा है ।

इस महीने की 28 तारीख को फिर असामनता के खिलाफ लड़ रहे शिक्षकों  को तारीख मिली है । हाई कोर्ट से आग्रह है कि एक तरफा कार्यवाही करते हुए सीएंडवी की तर्ज पर 2000 टीजीटी को भी नियुक्ति तिथि से नियमित करने के आदेश विभाग को दिए जाएं ताकि कानून पर आम जन का विश्वास बना रहे ।

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