साथ देती है कुदरत अगर कुछ कर गुजरने का जज़्बा हो : Col. Jaswant S. Chandel
नमस्कार दोस्तो,
मैंने एक बार कहा था कि समाज सेवा के लिए धन की आवश्यकता नहीं होती है, आपके अन्दर जज्बा चाहिए जो आपको मजबूर करता रहे कि किसी जरूरतमंद की सेवा करना अच्छा होता है। अगर यह जज्बा पैदा कर लिया गया तो धन का इंतजाम भी हो जाता है।
चार वर्ष पूर्व एक परिचित व्यक्ति मेरे पास आया और बोला कि उसका बेटा नवीं कक्षा में फेल हो गया है और वह अब स्कूल जाने से मना कर रहा है। उसने बताया कि वह घर से स्कूल के लिए जाता था मगर स्कूल पहुंचता ही नहीं था, ऐसा स्कूल के अध्यापकों ने बताया है।
मैंने कहा बच्चे को मेरे पास ले आओ मैं बात करना चाहता हूं।वह बड़ी मुश्किल से अपने बेटे को एक दिन लेकर आ गया। मैंने उस बच्चे को समझाया और स्कूल में दाखिल करवा दिया।आप स्वयं सोचो ऐसा बच्चा क्या पढ़ेगा जिसे सरकारी आदेश की बजह से आठवीं कक्षा तक फेल ही नहीं किया हो और नवमी कक्षा में फेल हो गया हो।
खैर लंबी वार्ता न करते हुए बताना चाहता हूं कि आज वह बालक बारहवीं कक्षा में पढ़ रहा है और खूब होशियार हो गया है। मैं गाहे बगाहे स्कूल जा कर इस बालक की पढ़ाई बारे पता करता रहता हूं।
आज मण्जुषा सहायता केन्द्र कलोल इस बालक को पांच हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दे रहा है और अगर यह बालक आगे पढ़ना चाहता हो केन्द्र पूरी सहायता देने का वायदा करता है।
कर्नल जसवन्त सिंह चन्देल
अध्यक्ष
मण्जुषा सहायता केन्द्र कलोल