




‘मानव सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं‘

आज मुझे ‘मन्जूषा सहायता केन्द्र’ कलोल के स्थापना दिवस पर बाॅडीगार्ड हाउस में बिलासपुर लेखक संघ के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य तीसरी बार प्राप्त हुआ।मन्जूषा सहायता केन्द्र के मजबूत स्तम्भ माने जाने वाले परम सम्माननीय,आदरणिय, पूजनीय कर्नल जसवंत सिंह चंदेल जी को मैं ईश्वर का रूप ही मानती हूंँ जो मानव देह में जन-जन का परोपकार कर रहे हैं।
कर्नल साहब एक ऐसी सख्सियत है जो हर समय प्राणीमात्र के हितार्थ कार्य करने को तत्पर रहते हैं। मैं नमन करती हूँ ऐसे अतुलनीय व्यक्तित्व को जो सदैव स्वार्थरहित,लोभ रहित रहकर समाज के दुखी, पीड़ित, रोगी, व्याधि ग्रस्त और किसी भी प्रकार की आवश्यक सहायता हेतु हमेशा चिंतित रहते हैं और अपनी नेक कमाई से बड़ी लगन से इस पुण्य कार्य में निरत प्रयास में रहते हैं। नमन करती हूँ कलोल की उस पावन धरा को,उस सौंधी मिट्टी को, जहाँ इन परोपकारी सांई का जन्म हुआ ,नमन करती हूँ उस शेरनी माँ को जिनकी कोख से इन महान विभूति का जन्म हुआ। 🙏
नमन करती हूँ बाॅडीगार्ड हाउस के पवित्र प्राँगण को जहाँ बेटी मन्जूषा के नाम से सहायता केन्द्र चलाया जाता है नित्य दीन दुखी जन मानस की फरियाद सुनी जाती है, भूखे को रोटी का निवाला प्राप्त करने का हौंसला मिलता है, जरूरत मन्द की सहायता की जाती है, गरीबों के अंधेरे घरों को रौशन करने का जिम्मा उठाया जाता हैं।
बेटियों के पालन पोषण, शिक्षा हेतु विशेष सहायता दी जाती है। असहायों, पीड़ितों, साधनहीन विधवा महिलाओं को मासिक वित्तीय सहायता के साथ-साथ स्थापना दिवस पर विशेष सहायता भी प्रदान की जाती है।
परम सम्माननीय कर्नल साहब आपके द्वारा किये जाने वाले इस पुण्य कार्य हेतु ईश्वर आपको परिवार सहित सदैव स्वस्थ और सुखमय रखे, आप दीर्घायु हों। मेरी यह प्रार्थना है।मानवता के प्रति सेवा भावना को अपना धर्म आपने माना है बेटी मन्जूषा के लिए यही सच्ची श्रद्धांजलि है।
आज के ससम्मान आतिथ्य सत्कार हेतु आपका और आपके रिश्तेदार, सगे सम्बन्धियों, सहयोगियों का हृदय की गहराईयों से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करती हूँ 🙏🙏
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