हिमाचल में लोगों की वाहन खरीद क्षमता में आया उछाल: मनोज रत्न पांच सालों में 5.5 लाख वाहन खरीद से रोजगार के खुले नए अवसर

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हिमाचल में लोगों की वाहन खरीद क्षमता में आया उछाल: मनोज रत्न
पांच सालों में 5.5 लाख वाहन खरीद से रोजगार के खुले नए अवसर
पालमपुर
भारतीय जनता पार्टी आईटी विभाग के प्रदेश सह-संयोजक मनोज रत्न ने कहा है कि पिछले साढ़े चार वर्षों में पांच लाख नए वाहन हिमाचल में लोगों ने खरीदे हैं जिससे साफ होता है कि हिमाचल में लोगों की क्रय क्षमता बढ़ी है और यह प्रदेश सरकार की जन-हितैषी नीतियों का ही परिणाम है कि आज प्रदेश के नागरिक के आय के साधन बढ़ रहे हैं और प्रदेश सम्पन्नता की ओर अग्रसर है। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में प्रदेश ने 5.5लाख वाहन रिजिस्टर हुए हैं जोकि अब तक का सबसे बेहतर आंकड़ा है।
पहाड़ी राज्य होने के साथ 70 लाख की आबादी वाले प्रदेश में लगभग 14 लाख परिवार हैं और वहां 19 लाख यानी एक परिवार में एक से अधिक वाहन भी हैं। व्यवसायिक वाहन खरीद में बढ़ोतरी बताती है कि इस सेक्टर में रोजगार के साधन हिमाचल में कई गुना बढ़े हैं। इसी का परिणाम है कि प्रदेश में अन्य क्षेत्रों जैसे ड्राइवर, कंडक्टर, मैकेनिक, पंक्चर लगाने वालों के साथ वाशिंग सेंटर्स व ढ़ाबों की संख्या भी बढ़ी है। निश्चित तौर पर हिमाचल सरकार ने आमदनी बढ़ाने के उपाय किये होंगे तभी इस आंकड़े में बेतहाशा उछाल आया है। परिवहन विभाग के आंकड़े प्रदेश में इस क्षेत्र में रोजगार के असीमित अवसरों को इंगित करते हैं।

मनोज रत्न ने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश में निरंतर बढ़ रहे वाहनों का आंकड़ा देखा जाए तो वर्ष 2017 में प्रदेश में रजिस्टर्ड गाड़ियों (Vehicles registered in Himachal Pradesh) की संख्या 13.50 लाख थी जोकि पिछले पांच साल में यह बढ़कर 19 लाख हो गई है। इनमे से सबसे अधिक संख्या दोपहिया वाहनों की हैं। इनकी संख्या करीब 10 लाख है जबकि चौपहिया वाहनों में कारों की संख्या 6 लाख के करीब है।
प्रदेश में 31 मार्च 2020 तक सड़कों पर 17 लाख, 60 हजार, 433 वाहन थे। सबसे अधिक संख्या मोटरसाइकिल और अन्य दुपहिया वाहनों की है। 2020 तक 9 लाख से अधिक टू व्हीलर हिमाचल की सड़कों पर थे। आज हिमाचल प्रदेश में 21 हजार 676 बसें चल रही हैं। इसके अलावा कारों की संख्या 5 लाख 35 हजार 812 के करीब है।

उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश में 1990-91 में कुल 67 हजार 103 वाहन ही रजिस्टर्ड थे। जिनकी संख्या 2016-17 में 12,93,755 थी और अब ये आंकड़ा 19 लाख को पार कर गया है। इस तरह तीन दशक में ही हिमाचल में वाहनों की संख्या 67 हजार से बढ़कर 19 लाख तक पहुंच गई। हिमाचल के परिवहन विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो मार्च 2017 तक हिमाचल की सड़कों पर 14 लाख, 94 हजार, 857 वाहन रजिस्टर्ड थे। इसके बाद के आठ महीने में करीब 60 हजार और नए वाहन जुड़े। तब प्रदेश में खेती-बाड़ी के काम में 6624 ट्रैक्टर लगे थे। चार साल पहले के आंकड़ों के मुताबिक विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में 1,157 एंबुलेंस सेवाएं दे रही हैं। निजी और सरकारी बसों का आंकड़ा 22,976 बसों का है। निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाले वाहनों की संख्या 441 है। हिमाचल में 413 क्रेन रजिस्टर्ड हैं, सबसे अधिक वाहनों में सामान ढोने वाले वाहनों की संख्या है। ऐसे वाहनों की संख्या 1,77,913 है. मैक्सी कैब- 16013, दो पहिया 7,62,275 हैं।

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