#Martin Cooper is advising make less use of mobile phones.
Actually, 1973 में मार्टिन कूपर ने मोटरोला कंपनी की अपनी टीम के पहला मोबाइल का अविष्कार किया था जिसका वजन दो किलो का था। न्यूयॉर्क की एक सड़क पर खड़े होकर जब मार्टिन कूपर ने उसी फ़ोन से पहली कॉल की थी तो उन्हें इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि उनकी ये खोज कितनी भारी सफलता अर्जित करेगी। लेकिन अब मार्टिन कूपर लोगों को इसका इस्तेमाल कम करने का सलाह दे रहे है। एक इंटरव्यू में उन्होंने सभी को स्तब्ध किया है।
जानकारी के मुताबिक हाल ही में मार्टिन ने एक चैट शो करते नजर आए थे। इसमें उन्होंने बताया कि वह 24 घंटे में सिर्फ पांच प्रतिशत समय ही मोबाइल यूज करने में इस्तेमाल करते है।
इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि जो रात दिन मोबाइल का इस्तेमाल करते हे उसका क्या होगा? इस पर मार्टिन ने कहा कि वैसे लोगों को अपने मोबाइल को ऑफ कर अपनी जिंदगी थोड़ी सी जी लेनी चाहिए।
बता दें कि मार्टिन ने जब पहले फोन का अविष्कार किया था। इस समय मोबाइल 10 घंटे में चार्ज होता था और मोबाइल battery सिर्फ 25 मिनट ही चलती थी। उनके द्वारा अविष्कार किया गया फोन काफी भारी था। इसकी लंबाई दस इंच बड़ी थी।
मार्टिन को अब पचास साल बाद ऐसा लगता है कि मोबाइल की वजह से लोग अपनी लाइफ नहीं जी पा रहे हैं। उनके जीवन में एक ऐसा सूनापन आता जा रहा है जो उनके पारिवारिक रिश्तों को लगभग निगलने ही वाला है।
उन्होंने कहा कि मैंने मोबाइल फोन इसलिए नहीं बनाया था कि इससे जीवन सरल हो जाये, रिश्तों में करीबी आये और मिठास बढ़े। लेकिन दुनिया ने इसे अपनी सहूलियत के हिसाब से लिया और मोबाइल को अपना गुलाम बनाने की जगह खुद मोबाइल के गुलाम बन गए। आज पता ही नहीं चल पा रहा कि परिवार में आपसी रिश्तों में कोई अपनापन है भी या नहीं।
दुनिया को बचाना है तो मोबाइल का उपयोग लिमिटेड कर दो और बीच बीच में ब्रेक लो। यही उत्तम है।